सोशल मीडिया पर एक वीडियो इस दावे के साथ वायरल हो रहा है कि गुजरात के दाहोद रेलवे स्टेशन में पुलिस ने दो आतंकियों को गिरफ्तार किया है. इस वीडियो में 'पुलिस कर्मी दो लोगों' को पकड़ते दिख रहे हैं.
हालांकि, हमने रतलाम डिविजनल सिक्योरिटी कमिश्नर (DSC) रमन कुमार से बात की और पाया कि वायरल हो रहा वीडियो एक मॉक ड्रिल का है और उस दिन किसी आतंकी को नहीं पकड़ा गया था.
दावा
वायरल वीडियो को इस दावे से शेयर किया जा रहा है, ''देखिए कैसे दाहोद स्टेशन में देश के वीर सैनिकों ने आतंकवादियो को पकड़ा.”
वीडियो को फेसबुक पर भी इसी कैप्शन के साथ शेयर किया गया था.
पड़ताल में हमने क्या पाया
InVID गूगल क्रोम एक्सटेंशन का इस्तेमाल करके, हमने वीडियो के कीफ्रेम बनाए और उनमें से कुछ पर रिवर्स इमेज सर्च किया.
सर्च रिजल्ट में हमें Divya Bhaskar नाम की एक गुजराती न्यूज वेबसाइट पर पब्लिश एक स्टोरी मिली. रिपोर्ट में बताया गया था कि दाहोद स्टेशन के रेलवे पुलिस बल ने मॉक ड्रिल की थी, ताकि आतंकवादी हमलों के दौरान बरती जाने वाली सावधानियां दिखाई जा सकें. इस मामले को लेकर ऐसी ही एक और रिपोर्ट Trishul News नाम की वेबसाइट पर भी मिली.
दोनों ही स्टोरी में वायरल वीडियो के स्क्रीनशॉट का इस्तेमाल किया गया था.
दाहोद रेलवे स्टेशन गुजरात के दाहोद जिले में है और इंडियन रेलवे के पश्चिमी रेलवे जोन के रतलाम रेलवे डिवीजन के अधिकार क्षेत्र में आता है. Divya Bhaskar की रिपोर्ट से जानकारी लेकर क्विंट ने रमन कुमार से संपर्क किया.
कुमार ने क्विंट को बताया, “30 मार्च को, तीन विभागों - रेलवे पुलिस बल (RPF), गवर्नमेंट रेलवे पुलिस (GRP) और रेलवे कर्मचारियों ने मिलकर एक मॉक ड्रिल की थी. किसी आतंकवादी हमले के खिलाफ तैयारियों का आकलन करने के लिए, ये एक संयुक्त मॉक ड्रिल थी. उस दिन किसी भी आतंकवादी को गिरफ्तार नहीं किया गया था.”
मतलब साफ है कि दाहोद रेलवे स्टेशन में की गई एक मॉक ड्रिल का वीडियो इस गलत दावे से शेयर किया जा रहा है कि पुलिसकर्मियों ने दो आतंकियों को पकड़ा है और आतंकी हमले को नाकाम कर दिया है.
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