भगवान कृष्ण की पेंटिंग की एक फोटो सोशल मीडिया पर इस दावे से शेयर की जा रही है कि ये पेंटिंग Afghanistan की पंजशीर घाटी के एक महल में है.
हालांकि, हमने पाया कि पेंटिंग को रूसी आर्टिस्ट रसिकानंदा दास ने बनाया था. दास ने इस बात से इनकार कर दिया कि ये पेंटिंग पंजशीर में है. उन्होंने इसे दक्षिण रूस के सोची में 1999 में बनाया था.
दावा
फोटो के साथ शेयर किए गए दावे में लिखा है, ''ये पेंटिंग (कितने और दिन, नहीं पता) महाभारत काल के गांधार साम्राज्य और वर्तमान अफगानिस्तान के पंजशीर पैलेस में मौजूद है...''
क्विंट की WhatsApp टिपलाइन पर भी इस दावे से जुड़ी क्वेरी आई है.
पड़ताल में हमने क्या पाया
हमने वायरल फोटो को रिवर्स इमेज सर्च किया और पाया कि ये फोटो सेंट पीटर्सबर्ग में एक रूसी आर्ट गैलरी 'Art Spb' की वेबसाइट पर अपलोड की गई थी.
ऑर्गनाइजेशन ने फोटो के लिए रसिकानंदा को क्रेडिट दिया था.
वेबसाइट पर उपलब्ध कलाकार के बायो के अनुसार, वो रूस के क्रिएटिव यूनियन ऑफ आर्टिस्ट्स और इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ आर्टिस्ट्स (IFA) के सदस्य हैं.
इसके अलावा, 18 सितंबर को आर्टिस्ट रसिकानंदा दास ने वायरल फोटो पर एक स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा था कि ये उनकी मूल रचना है और इसमें कोई ऐतिहासिक स्थल नहीं दिख रहा है.
क्विंट की वेबकूफ टीम से बातचीत में दास ने वायरल दावे को खारिज कर दिया और कहा,
ये मेरी पेंटिंग है, जिस मैंने 1999 में दक्षिण रूस के सोची शहर में बनाया था. इस फोटो का विषय श्रीमद भागवत के 7वें सर्ग से लिया गया है. ये पेंटिंग मेरी मूल रचना है और ये पंजशीर बिल्कुल भी नहीं है.''
इसके अलावा, हमें ऐसा कोई आर्टिकल नहीं मिला कि अफगानिस्तान के पंजशीर घाटी के किसी महल में भगवान कृष्ण की पेंटिंग हैं.
मतलब साफ है कि रूसी आर्टिस्ट की बनाई पेंटिंग को अफगानिस्तान की पंजशीर घाटी से जोड़ गलत दावे से शेयर किया जा रहा है.
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