इस हफ्ते कश्मीर (Kashmir) से जुड़े कई भ्रामक दावे सोशल मीडिया पर वायरल हुए. कई ऐसी फोटो और वीडियो कश्मीर के बताकर शेयर किए जाने लगे जो कश्मीर के थे ही नहीं. कभी दिल्ली तो कभी यूपी में हुई मारपीट का वीडियो कश्मीर का बताकर शेयर किया गया.
बपतिस्मा करते दूसरे शख्स का वीडियो शेयर कर ये झूठा दावा भी किया गया कि पंजाब CM चरणजीत चन्नी ने ईसाई धर्म अपना लिया है.
इसके अलावा, देश में कोयला संकट की खबरों के बीच दिल्ली सरकार पर निशाना साधते हुए एडिटेड फोटो भी वायरल हुई. दावा किया गया कि दिल्ली सरकार ने लोगों से कोयला दान करने की बात कही है. इस हफ्ते हमने ऐसे ही कई दावों की पड़ताल कर सच आप तक पहुंचाया. जानिए इन सभी भ्रामक और फेक दावों का सच
दिल्ली के कॉलेज में 4 साल पहले हुई मारपीट की फोटो कश्मीर की बता वायरल
Kashmir के नाम पर सोशल मीडिया पर आपस में भिड़ते कुछ लोगों की फोटो वायरल हुई. फोटो में पुलिसकर्मियों के साथ-साथ और भी लोग दिख रहे हैं, जिसमें एक महिला का मुंह नोचते दूसरी महिला भी देखी जा सकती है. इसे शेयर कर दावा किया जा रहा है कि कश्मीरियों के साथ बुरा बर्ताव किया जा रहा है.
हालांकि, वेबकूफ टीम ने पड़ताल में पाया कि ये फोटो कश्मीर की नहीं, बल्कि दिल्ली की है. हमें कई रिपोर्ट्स मिलीं जिनमें इसी फोटो का इस्तेमाल करते हुए इस घटना के बारे में बताया गया था कि ये घटना दिल्ली के रामजस कॉलेज की है, जहां साल 2017 में AISA और ABVP जैसे संगठनों के बीच विवाद हुआ था.
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कश्मीर की हालिया हिंसक घटनाओं की बता कहीं और की तस्वीरें वायरल
सोशल मीडिया पर ये 5 तस्वीरें Help Kashmir और Save Kashmir जैसे हैशटैग इस्तेमाल कर शेयर की गईं और ये बताने की कोशिश की गई की ये सभी तस्वीरें कश्मीर की हैं और हाल की हैं.
हमारी पड़ताल में पहली फोटो महाराष्ट्र के औरंगाबाद की निकली, जब साल 2020 में प्रदर्शनकारियों ने CAA के विरोध में कफन ओढ़कर प्रोटेस्ट किया था.
दूसरी फोटो Getty Images की वेबसाइट पर मिली. जिसके मुताबिक ये फोटो कश्मीर की तो है लेकिन 2014 की है. कैप्शन के मुताबिक, काजीपोरा चदूरा जिले में सेना के एक जवान मुश्ताक अहमद मीर के अंतिम संस्कार में ये बच्ची रो रही थी.
तीसरी फोटो जिसमें रोता बच्चा दिख रहा है 2020 की है, जब दिल्ली में दंगे हुए थे. सीएए के विरोध में मुदस्सिर खान जख्मी हो गए थे. और फोटो में दिख रहे लोग शोक व्यक्त कर रहे हैं.
चौथी फोटो सितंबर 2010 की है और फोटो में फिरोज अहमद का शव दिख रहा है. nbc News वेबसाइट के मुताबिक तब कश्मीर के पलहालन में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुए संघर्ष में फिरोज सहित 3 अन्य लोग मारे गए थे.
महाराष्ट्र का पुराना वीडियो, अयोध्या में राम भक्तों का बताकर वायरल
सोशल मीडिया पर एक जुलूस का वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें जय श्री राम के नारे लगाए जा रहे हैं. दावा किया जा रहा है कि भगवान राम के भक्त भारत को ''हिंदू राष्ट्र'' घोषित करने के लिए अयोध्या (Ayodhya) पहुंच चुके हैं.
हालांकि, हमने पाया कि ये वीडियो 'दुर्गामाता दौड़' का एक पुराना वीडियो है. ये हर साल होने वाला एक धार्मिक समारोह है जिसे दक्षिणपंथी नेता संभाजी भीड़े के संगठन 'शिवप्रतिष्ठान हिंदुस्तान' की ओर से आयोजित किया जाता है. ये समारोह महाराष्ट्र के सांगली जिले के मिरज शहर में दशहरा के मौके पर आयोजित किया जाता है.
एक स्थानीय रिपोर्टर ने क्विंट से पुष्टि की कि ये वीडियो वास्तव में 'दुर्गामाता दौड़' कार्यक्रम का है.
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पंजाब के CM चरणजीत सिंह चन्नी ने नहीं अपनाया ईसाई धर्म, फेक वीडियो वायरल
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें पगड़ी पहने शख्स को बपतिस्मा करते देखा जा सकता है. दावा किया जा रहा है कि ये शख्स पंजाब के नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Channi) हैं और उन्होंने ईसाई धर्म अपना लिया है.
हालांकि, हमारी पड़ताल में ये दावा झूठा निकला. वायरल वीडियो में दिख रहे शख्स के चेहरे की तुलना चरणजीत चन्नी की तस्वीर से करने पर साफ हो रहा है कि ये दोनों अलग शख्स हैं.
चरणजीत चन्नी पंजाब के दलित मुख्यमंत्री हैं. क्विंट वायरल वीडियो के असली संदर्भ की पुष्टि नहीं करता. लेकिन, ये दावा झूठा है कि वीडियो में दिख रहे शख्स पंजाब सीएम चरणजीत चन्नी हैं.
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दिल्ली सरकार ने नहीं की लोगों से कोयला दान करने की अपील, एडिटेड है फोटो
सोशल मीडिया पर हिंदी दैनिक Hindustan की एक फोटो शेयर हो रही है, जिसमें अरविंद केजरीवाल Arvind Kejriwal) की फोटो लगी हुई है. फोटो में दिल्ली के निवासियों से दिल्ली सरकार को कोयला दान करने की अपील वाला विज्ञापन दिखाई दे रहा है.
ये फोटो ऐसे समय में वायरल हो रही है, जब केजरीवाल ने राजधानी दिल्ली में कोयले की सप्लाई में कमी की वजह से बिजली की समस्या होने की चेतावनी दी है.
हालांकि, हमने पाया कि ये विज्ञापन एडिट करके बनाया गया है. ओरिजिनल विज्ञापन 9 जुलाई को Hindustan में निकला था, जिसमें 'मुख्यमंत्री Covid-19 परिवार आर्थिक सहायता योजना' के बारे में बताया गया था.
साफ है कि आम आदमी पार्टी सरकार की ओर से जारी एक विज्ञापन की फोटो के साथ छेड़छाड़ कर उसे गलत दावे से शेयर किया जा रहा है.
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