ADVERTISEMENTREMOVE AD

किसानों के चक्का जाम की बताकर शेयर की जा रही 2 महीने पुरानी फोटो

किसानों के चक्का जाम की बताकर शेयर की जा रही फोटो पड़ताल में 2 महीने पुरानी निकली

Updated
story-hero-img
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान संगठनों ने 6 फरवरी ( शनिवार) को देशव्यापी चक्का जाम का आव्हान किया. इस दौरान ट्विटर पर #chakkajam टॉप ट्रेंडिंग में शामिल रहा. चक्का जाम से जोड़कर ट्विटर पर एक फोटो शेयर की जा रही है. फोटो में बड़ी संख्या में भीड़ सड़क पर बैठी दिख रही है.

वेबकूफ की पड़ताल में सामने आया कि फोटो 2 महीने पुरानी है, इसका संबंध किसान आंदोलन से जरूर है लेकिन 6 फरवरी को हुए चक्काजाम से नहीं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

दावा

फोटो को इस कैप्शन के साथ शेयर किया जा रहा है- #Power of the people is much stronger than the people in power. हिंदी अनुवाद - लोगों की शक्ति, सत्ता में बैठे लोगों से कहीं ज्यादा मजबूत है.

किसानों के चक्का जाम की बताकर शेयर की जा रही फोटो पड़ताल में 2 महीने पुरानी निकली
पोस्ट का आर्काइव देखने के लिए यहां क्लिक करें
(सोर्स : स्क्रीनशॉट /ट्विटर)
किसानों के चक्का जाम की बताकर शेयर की जा रही फोटो पड़ताल में 2 महीने पुरानी निकली
पोस्ट का आर्काइव देखने के लिए यहां क्लिक करें
(सोर्स : स्क्रीनशॉट /ट्विटर)
0
किसानों के चक्का जाम की बताकर शेयर की जा रही फोटो पड़ताल में 2 महीने पुरानी निकली
पोस्ट का आर्काइव देखने के लिए यहां क्लिक करें
(सोर्स : स्क्रीनशॉट /ट्विटर)
ADVERTISEMENTREMOVE AD
किसानों के चक्का जाम की बताकर शेयर की जा रही फोटो पड़ताल में 2 महीने पुरानी निकली
पोस्ट का आर्काइव देखने के लिए यहां क्लिक करें
(सोर्स : स्क्रीनशॉट /ट्विटर)
ADVERTISEMENTREMOVE AD
किसानों के चक्का जाम की बताकर शेयर की जा रही फोटो पड़ताल में 2 महीने पुरानी निकली
पोस्ट का आर्काइव देखने के लिए यहां क्लिक करें
(सोर्स : स्क्रीनशॉट /ट्विटर)
ADVERTISEMENTREMOVE AD

पड़ताल में हमने क्या पाया

वायरल फोटो को गूगल पर रिवर्स सर्च करने से हमें यही फोटो द गार्डियन की 16 दिसंबर, 2020 के आर्टिकल में भी मिली.

किसानों के चक्का जाम की बताकर शेयर की जा रही फोटो पड़ताल में 2 महीने पुरानी निकली
ADVERTISEMENTREMOVE AD

गार्डियन की वेबसाइट पर दिए गए फोटो के कैप्शन का हिंदी अनुवाद है - दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन में हिस्सा लेते किसान. पिछले तीन हफ्तों से राजधानी की ओर जाने वाली सड़क पर बैठे हैं. सरकार और किसानों के बीच कई चरणों की वार्ता भी विफल रही. वेबसाइट पर फोटो का क्रेडिट AFP और Getty Images को दिया गया है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

Getty Images की वेबसाइट पर भी हमें यही फोटो मिली. कैप्शन से पता चलता है कि फोटो 4 दिसंबर को दिल्ली की सिंघु बॉर्डर पर क्लिक की गई है. कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान सड़क पर बैठे हैं. फोटो न्यूज एजेंसी AFP के फोटोग्राफर मनी शर्मा ने क्लिक की है.

किसानों के चक्का जाम की बताकर शेयर की जा रही फोटो पड़ताल में 2 महीने पुरानी निकली
ADVERTISEMENTREMOVE AD

मतलब साफ है कि 6 फरवरी को हुए किसानों के चक्का जाम की बताकर 2 महीने पुरानी फोटो को गलत दावे से शेयर किया जा रहा है. फोटो 4 दिसंबर को दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर धरने पर बैठे किसानों की है, चक्का जाम की नहीं.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें