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क्या पीएम मोदी 15 अगस्त को सच में बांटेंगे छात्रों को साइकिल?

WhatsApp पर वायरल हो रहे इस मैसेज की क्या है सच्चाई

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15 अगस्त को लेकर सोशल मीडिया पर तमाम तरह के मैसेज वायरल हो रहे हैं. कुछ संदेशों में दावा किया जा रहा है कि 15 अगस्त के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी छात्रों को सरकारी स्कीम के तहत मुफ्त में साइकिल बांटेंगे.

इस तरह के मैसेज में छात्रों से दिए गए लिंक के माध्यम से फॉर्म भरने को कहा गया है. साथ ही मैसेज को ज्यादा से ज्यादा फॉरवर्ड करने की अपील की गई है, ताकि ज्यादा से ज्यादा छात्र इस स्कीम का लाभ ले सकें.

WhatsApp पर वायरल हो रहे इस मैसेज की क्या है सच्चाई
WhatsApp पर वायरल हो रहे मैसेज का स्क्रीनशॉट
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क्या वायरल मैसेज में दिए गए URL का सरकार से कोई संबंध है?

वायरल मैसेज में फॉर्म भरने के लिए एक वेबसाइट का लिंक दिया गया है- http://Bharat-sarkar.com/साईकिल . आपको बता दें कि भारत सरकार की सभी वेबसाइट नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर डेवलप करता है. इसके अलावा भारत सरकार की ज्यादातर वेबसाइट के यूआरएल में nic.in या gov.in होता है. लेकिन वायरल मैसेज में दिए गए यूआरएल में ऐसा नहीं है.

इसके अलावा देश के नेशनल पोर्टल (india.gov.in) पर दी गई भारत सरकार की वेब डायरेक्ट्री में दिए गए यूआरएल का कहीं कोई जिक्र नहीं है.

तथ्यों के आधार पर वायरल मैसेज में दिए गए यूआरएल का भारत सरकार से कोई संबंध नहीं है.

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वायरल मैसेज के URL में है क्या?

वायरल मैसेज में दिए गए यूआरएल http://Bharat-Sarkar.com/साईकिल/ पर क्लिक करने पर एक पेज खुलता है, जिसमें नीचे डिटेल्स भरने के लिए फॉर्म दिया गया है और ऊपर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर, अशोक स्तंभ और साईकिल स्कीम का नाम दिया गया है.

WhatsApp पर वायरल हो रहे इस मैसेज की क्या है सच्चाई
वेबसाइट का स्क्रीनशॉट

इस वेबसाइट पर 'नियम और शर्तें' का लिंक भी दिया गया है. इस लिंक पर क्लिक करने पर एक नया पेज खुलता है, जहां लिखा गया है कि इस वेबसाइट का भारत सरकार या किसी अन्य राजनीतिक दल से कोई लेना देना नहीं है.

WhatsApp पर वायरल हो रहे इस मैसेज की क्या है सच्चाई
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फैक्ट चेकर वेबसाइट BOOM ने इस वेबसाइट और यूआरएल के बारे में रिसर्च की तो पाया कि ये वेबसाइट दिल्ली में डिजाइन की गई थी.

WhatsApp पर वायरल हो रहे इस मैसेज की क्या है सच्चाई

BOOM ने अपनी पड़ताल में यह भी पाया कि ये मैसेज वास्तव में हिंदी में लिखे गए पहले के मैसेज को एडिट कर लिखा गया था. पहले इसी मैसेज में 15 अगस्त को छात्रों को मुफ्त में स्कूल बैग दिए जाने का दावा किया गया था.

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