निर्मला सीतारमण और पीयूष गोयल जैसे केंद्रीय मंत्रियों सहित कई सोशल मीडिया यूजर्स ने ट्वीट कर कहा है, "दुनिया के किसी भी देश ने बच्चों के लिए कोविड 19 की वैक्सीनेशन की शुरुआत नहीं की है".
ये दावा सोशल मीडिया पर, नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल के "Myths & Facts on India’s Vaccination Process" टाइटल वाले एक डॉक्युमेंट को शेयर करने के बाद शेयर किया जाने लगा. इसमें उन्होंने केंद्र सरकार से किए गए कई सवालों का जवाब दिया. ये दावा डॉ. पॉल की 'फैक्ट शीट' का हिस्सा था.
हालांकि, बाद में प्रेस रिलीज में सफाई देने के लिए एक नोट भी जारी किया गया. और लिखा गया कि "दुनिया के किसी भी देश ने बच्चों को कोविड 19 की वैक्सीन देने की शुरुआत नहीं की है" को ''दुनिया का कोई भी देश 12 साल से कम उम्र के बच्चों को वैक्सीन नहीं दे रहा है'' पढ़ा जाना चाहिए. यानी मूल सूचना देने वाले ने भूल में सुधार कर लिया लेकिन कई यूजर्स इस भ्रामक खबर को शेयर कर रहे हैं.
सीएम केजरीवाल ने कहा था कि भारत में बच्चों को टीका लगाने के लिए Pfizer BioNTech वैक्सीन खरीदी जानी चाहिए. इसके बाद, यूजर्स ने इस दावे को शेयर कर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल से सवाल भी किए.
हालांकि, हमने पाया कि ये दावा सही नहीं है. वैसे तो WHO ने अब तक बच्चों के लिए वैक्सीन को मंजूरी नहीं दी है, लेकिन अमेरिका के फ़ूड ऐंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने 12 से 15 साल की उम्र के बच्चों को Pfizer की वैक्सीन देने की इजाजत दे दी है. UAE, अमेरिका और कनाडा जैसे देशों ने भी पहले ही इस उम्र के बच्चों का वैक्सीनेशन शुरू कर दिया है. जबकि कुछ अन्य देश भी हैं जिन्होंने बच्चों को वैक्सीन लगाने की अनुमति या तो दे दी है या फिर इसकी मंजूरी दे सकते हैं.
दावा
कई सोशल मीडिया यूजर्स ने डॉ. पॉल की ओर से जारी प्रेस रिलीज में बताए गए इस "तथ्य" को कॉपी और पेस्ट करके शेयर किया है.
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था, "अभी तक दुनिया का कोई भी देश बच्चों को टीका नहीं दे रहा है. WHO ने बच्चों के टीकाकरण को रिकमेंड नहीं किया है. भारत में बच्चों पर परीक्षण जल्द शुरू होने जा रहा है. परीक्षणों के आधार पर डेटा उपलब्ध होने के बाद, फैसला वैज्ञानिकों को लेना है.
इसके अलावा, और भी कई मंत्रियों, जर्नलिस्ट ने इसे शेयर किया है और कई न्यूज ऑर्गनाइजेशन ने इस स्टेटमेंट को पब्लिश किया है.
पड़ताल में हमने क्या पाया
हमने गूगल पर सर्च करके देखा कि क्या कोई देश बच्चों की वैक्सीनेशन करवा रहा है या नहीं. हमें कई ऐसी रिपोर्ट्स मिलीं जिनमें ये बताया गया था कि कुछ देशों ने बच्चों का वैक्सीनेशन शुरू कर दिया है.
कनाडा पहला देश है जिसने 12 से 15 साल की उम्र के बच्चों का वैक्सीनेशन करने के लिए Pfizer वैक्सीन का इस्तेमाल किया है. कनाडा ने 5 मई 2021 को वैक्सीन की मंजूरी दी और इस उम्र के बच्चों का वैक्सीनेशन शुरू कर दिया है.
इसके पांच दिन बाद, 10 मई 2021 को, FDA ने Pfizer की कोविड 19 वैक्सीन को 12 से 15 साल के बच्चों के लिए इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दे दी. 18 मई तक, अमेरिका में 12 से 15 साल के 6 लाख बच्चों को वैक्सीन लगाया जा चुका है.
UAE ने भी इस उम्र के बच्चों का वैक्सीनेशन किया है. UAE में Pfizer की वैक्सीन को मंजूरी देने के बाद बच्चों को स्कूलों में वैक्सीन दी गई थी.
ऐसा माना जा रहा है कि सिंगापुर, इजरायल जैसे देशों में जल्द ही कम उम्र के बच्चों को वैक्सीन दी जा सकती है. और EMA भी जल्द ऐसा कर सकता है.
बाद में प्रेस रिलीज में सफाई देने के लिए एक नोट भी जारी किया गया. और लिखा गया कि "दुनिया के किसी भी देश ने बच्चों को कोविड 19 की वैक्सीन देने की शुरुआत नहीं की है" को ''दुनिया का कोई भी देश 12 साल से कम उम्र के बच्चों को वैक्सीन नहीं दे रहा है'' पढ़ा जाना चाहिए. इस सेक्शन में दिए गए अन्य पॉइंट मान्य हैं. अनजाने में हुई टाइपिंग संबंधी चूक के लिए खेद है".
हालांकि, ये ध्यान देना जरूरी है कि अगर विदेशी वैक्सीन को अमेरिका, यूरीपोय संघ, ब्रिटेन और जापानी रेगुलेटर्स के अलावा अन्य रेगुलेटर्स या संस्थाएं जिनको WHO ने लिस्ट किया है, की तरफ से इमरजेंसी अप्रूवल मिलता है, तो केंद्र सरकार ने विदेशी वैक्सीन को भारत में कॉमर्शियल रूप से बाजार में लाने का रास्ता साफ कर दिया है.
WHO ने अभी तक ऐसी सिफारिश नहीं की है कि बच्चों की वैक्सीन दी जाए.
जून में भारत बायोटेक की कोवैक्सीन का बच्चों पर ट्रायल शुरू किया जा सकता है. ड्रग कंट्रोलर ने कंपनी को पिछले हफ्ते ट्रायल शुरू करने की इजाजत दी थी.
गुरुवार, 27 मई को, Pfizer ने भारत सरकार को बताया कि उसकी वैक्सीन भारत में पाए जाने वाले वैरिएंट के खिलाफ "ज्यादा प्रभावी" है. सरकार की ओर से अभी वैक्सीन खरीदना बाकी है.
मतलब साफ है, ये दावा गलत है कि दुनिया में कोई भी देश बच्चों को वैक्सीन नहीं लगा रहा है. अमेरिका, UAE और कनाडा जैसे देशों ने पहले ही बच्चों को वैक्सीन देना शुरू कर दिया है. जबकि, कुछ देश जल्द ही बच्चों का वैक्सीनेशन शुरू करने वाले हैं.
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