दावा
बीजेपी आईटी सेल हेड अमित मालवीय ने हाल ही में ट्विटर पर एक वीडियो शेयर कर लिखा कि लखनऊ में हुए एक प्रदर्शन में 'पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे लगाए गए. मालवीय ने लिखा कि ये प्रदर्शन नागरिकता कानून के खिलाफ हुआ था.
वीडियो शेयर कर उन्होंने लिखा, 'क्योंकि ये पुराने वीडियो शेयर करने का मौसम है, ये एक वीडियो है लखनऊ से, जहां नागरिकता कानून के खिलाफ हुए प्रदर्शन में प्रदर्शनकारी 'पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे लगा रहे हैं...! किसी को इनके साथ संवाद करने और ये बताने की जरूरत है कि कैमरे के लिए तिरंगे और बापू की फोटो अगले टाइम लेकर आएं.'
रिपोर्ट करने तक, इस वीडियो को लगभग 7 हजार लोग रिट्वीट कर चुके थे, और 12 हजार से ज्यादा लोगों ने उसे लाइक किया था.
इस वीडियो को रिपब्लिक टीवी और जी न्यूज समेत कई मीडिया प्लैटफॉर्म ने ब्रॉडकास्ट भी किया था.
सच या झूठ?
क्विंट वेरिफाई करता है कि जिस दावे के साथ ये वीडियो शेयर किया जा रहा है, उसमें कोई सच्चाई नहीं है. रैली में प्रदर्शनकारी 'पाकिस्तान जिंदाबाद' नहीं, बल्कि 'काशिफ साब जिंदाबाद' के नारे लगा रहे हैं.
हमने उसे ऑडियो को एक एडिटिंग सॉफ्टवेयर प्रीमियर प्रो पर डाला, और उसकी स्पीड कम कर दी, ताकि प्रदर्शनकारियों की आवाज सुनाई दे. वीडियो के आखिरी में ये भी सुनाई देता है कि प्रदर्शनकारी 'हिंदुस्तान जिंदाबाद' कह रहे हैं.
इस स्टोरी को फैक्ट-चेकिंग वेबसाइट Alt News ने भी डिबंक किया था. उन्होंने एआईएमआईएम उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष हाजी शौकत से भी कंफर्म किया कि 13 दिसंबर को हुए इस प्रदर्शन की अगुवाई काशिफ अहमद कर रहे थे.
काशिफ अहमद एआईएमआईएम लखनऊ जिले के अध्यक्ष हैं.
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