सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि जर्मनी में पेट्रोल की कीमतें बढ़ने के विरोध में लोगों ने अपनी कारें सड़क पर ही खड़ी कर दीं. दावे के साथ एक फोटो भी शेयर की जा रही है जिसमें बड़ी संख्या में कार सड़क पर खड़ी दिख रही हैं. दावा उस समय किया जा रहा है जब भारत के कई हिस्सों में पेट्रोल की कीमतें 100 रुपए प्रति लीटर के पार पहुंच गई हैं. वेबकूफ की पड़ताल में सामने आया कि दावे के साथ शेयर की जा रही फोटो चीन के ट्रैफिक जाम की है.
दावा
फोटो के साथ शेयर किया जा रहा मैसेज है - जर्मनी में जब सरकार ने पेट्रोल के दम बढ़ाए तो एक घंटा के अंदर सभी अपने कारो को रोड पर छोड़ कर घर चले गए 10 लाख से ज्यादा कार खड़ी देखकर सरकार को पेट्रोल का दाम घटाना पड़ा .
पड़ताल में हमने क्या पाया
फोटो को गूगल पर रिवर्स सर्च करने से हमें एक चीनी वेबसाइट पर 2017 के लेख में यही फोटो मिली. खबर को गूगल की मदद से इंग्लिश में ट्रांसलेट करने से पता चला कि ये लेख चीन में ट्रैफिक जाम की समस्या को लेकर है. हालांकि फोटो के साथ कोई कैप्शन नहीं दिया गया है जिससे पता चल सके कि फोटो किस समय क्लिक की गई थी.
2015 के एक अन्य आर्टिकल में हमें यही फोटो मिली. ये आर्टिकल भी चीन में ट्रैफिक जाम की समस्या को लेकर है. इसमें बताया गया है कि चीन दुनिया के उन देशों में शामिल है जो सबसे खराब ट्रैफिक का सामना कर रहे हैं. फोटो के साथ कैप्शन नहीं दिया गया है. लेकिन ये साफ हो गया कि फोटो कम से कम 5 साल पुरानी है.
फोटो चीन में ट्रैफिक जाम से जुड़े कई आर्टिकल्स में इस्तेमाल की गई है. इससे क्लू लेकर हमने अलग-अलग कीवर्ड के जरिए चीन के ट्रैफिक जाम की फोटो सर्च करनी शुरू कीं. टेलीग्राफ के 1 अक्टूबर, 2012 के आर्टिकल में हमें यही फोटो मिली.
टेलीग्राफ के आर्टिकल में फोटो का क्रेडिट Rexfeatures वेबसाइट को दिया गया था. इस वेबसाइट पर हमने यही फोटो सर्च की. यहां दी गई जानकारी से भी पुष्टि होती है कि फोटो चीन के ट्रैफिक जाम की ही है और 30 सितंबर, 2012 को क्लिक की गई.
जर्मनी में पेट्रोल की बढ़ती कीमतों को लेकर कोई प्रदर्शन हुए हैं या नहीं, ये जानने के लिए हमने अलग-अलग कीवर्ड्स के जरिए ऐसी मीडिया रिपोर्ट्स सर्च करनी शुरू कीं. साल 2000 में जर्मनी में पेट्रोल की बढ़ती कीमतों के विरोध में हुए प्रदर्शन की रिपोर्ट हमें मिली. लेकिन, हाल में हुए ऐसे किसी प्रदर्शन की रिपोर्ट नहीं मिली.
रायटर्स की 8 दिसंबर, 2020 की रिपोर्ट के मुताबिक, जर्मनी की संसद में पेट्रोल की कीमतें बढ़ाने को लेकर बिल पास हुआ था. लेकिन, इसके बाद हुए किसी प्रदर्शन की रिपोर्ट हमें इंटरनेट पर नहीं मिली. मतलब साफ है कि चीन के ट्रैफिक जाम की 8 साल से ज्यादा पुरानी फोटो को सोशल मीडिया पर जर्मनी में महंगे पेट्रोल का विरोध बताकर शेयर किया जा रहा है.
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