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बंगाल, नवरात्रि, अखिलेश यादव और प्रियंका गांधी से जुड़े झूठे दावों की पड़ताल

सोशल मीडिया पर इस हफ्ते किए गए झूठे दावे और उनका सच

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यूपी (UP) में अगले साल होने वाले चुनावों से पहले कई फेक दावे वायरल हुए. प्रियंका गांधी की रैली का एक अधूरा वीडियो सांप्रदायिक रंग देकर शेयर किया गया, जिसमें अजान सुनी जा सकती है. समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव की पुरानी फोटो हाल की बताकर शेयर की गई. दावा किया गया कि उन्होंने कन्याभोज के दौरान जूते पहने हुए हैं.

इसके अलावा, बीजेपी आईटी सेल हेड अमित मालवीय और सुदर्शन न्यूज के संपादक सुरेश चव्हाणके ने भी झूठे सांप्रदायिक झूठे दावे किए. इस हफ्ते सोशल मीडिया पर किए गए ऐसे ही तमाम दावों को सच जानिए.

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BJP आईटी सेल हेड अमित मालवीय ने जशपुर घटना को गलत सांप्रदायिक एंगल से शेयर किया

छत्तीसगढ़ के जशपुर में 15 अक्टूबर को दुर्गा विसर्जन के लिए जा रहे जुलूस को तेज रफ्तार कार ने कुचल दिया था जाने की घटना को अब सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की जा रही है. इस घटना को हिंदुओं पर अत्याचार की तरह पेश किया जा रहा है और ऐसा करने वालों में बीजेपी आईटी सेल हेड अमित मालवीय भी शामिल हैं.

सोशल मीडिया पर इस हफ्ते किए गए झूठे दावे और उनका सच

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(सोर्स: स्क्रीनशॉट/ट्विटर)

इस मामले में असल में कोई सांप्रदायिक एंगल सामने नहीं आया. मामले में गिरफ्तार आरोपियों के नाम बबलू विश्वकर्मा और शिशुपाल साहू हैं.

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हिंदू टीचर ने हिंदू छात्र को पीटा, चव्हाणके ने इसे 'ईसाई Vs हिंदू' का रंग दे दिया

सोशल मीडिया पर तमिलनाडु (Tamilnadu) का एक वीडियो शेयर हो रहा है, जिसमें एक क्लास में एक स्टूडेंट को एक टीचर पीटते दिख रहा है. इस वीडियो को Sudarshan News के एडिटर इन चीफ सुरेश चव्हाणके ने ट्वीट कर दावा किया है कि स्टूडेंट हिंदू है और उसे एक ईसाई शिक्षक ने रुद्राक्ष पहनने की वजह से पीटा है.

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(सोर्स: स्क्रीनशॉट/ट्विटर)

क्विंट की वेबकूफ टीम की पड़ताल में ये दावा झूठा निकला. मीडिया रिपोर्ट्स और पुलिस एफआईआर के मुताबिक, शिक्षक ने स्टूडेंट को इसलिए पीटा था क्योंकि वो क्लास जॉइन नहीं कर रहा था. इस मामले में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है.

कडलोर जिले के डीएसपी ऑफिस ने भी कन्फर्म किया कि आरोपी और पीड़ित दोनों ही हिंदू हैं.

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प्रियंका गांधी की किसान न्याय रैली में अजान ही नहीं, सभी धर्मों के मंत्र पढ़े गए

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा की बनारस में हुई रैली में अजान सुनी जा सकती है. इस वीडियो को शेयर कर बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा समेत कई सोशल मीडिया यूजर्स ने कांग्रेस पर तुष्टीकरण करने का आरोप लगाया.

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(सोर्स: स्क्रीनशॉट/ट्विटर)

हालांकि, वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा भ्रामक है. वीडियो प्रियंका गांधी की 10 अक्टूबर को हुई किसान न्याय रैली का है, पूरे वीडियो में सिर्फ अजान नहीं, सभी धर्मों के मंत्रोच्चारण सुने जा सकते हैं. लेकिन वीडियो सिर्फ अजान का वायरल हो रहा है.

क्विंट के संवाददाता पीयूष राय ने प्रियंका गांधी की 10 अक्टूबर को हुई इसी जनसभा का एक वीडियो ट्वीट किया था, जिसमें हिंदू धर्म के मंत्रोच्चारण सुने जा सकते हैं.

मतलब साफ है - सोशल मीडिया पर प्रियंका गांधी की रैली का अधूरा वीडियो इस गलत दावे से शेयर किया जा रहा है कि उस दौरान मंच से सिर्फ अजान पढ़ी गई.

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दुर्गा पंडाल में नमाज की टाइमिंग लिस्ट? ये फोटो बंगाल नहीं बांग्लादेश की है

सोशल मीडिया पर दुर्गा पंडाल में लगी नमाज की टाइमिंग लिस्ट की एक फोटो वायरल हो रही है. दावा किया जा रहा है कि ये फोटो पश्चिम बंगाल की है और हाल के दुर्गा पूजा उत्सव की है.

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(सोर्स: स्क्रीनशॉट/फेसबुक)

पड़ताल में वायरल फोटो भारत की नहीं, बांग्लादेश के ढाका में स्थापित की गई दुर्गा झांकी की निकली. समिति के मुताबिक, झांकी में नमाज की टाइमिंग लिस्ट इसलिए लगाई गई थी जिससे कि नमाज के वक्त किसी तरह के डिस्टरबेंस से बचा जा सके.

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नवरात्रि में हुए कन्या भोज की नहीं है, जूते पहने खाना परोसते अखिलेश यादव की फोटो

सोशल मीडिया पर अखिलेश यादव की एक फोटो वायरल हो रही है, जिसमें वे जूते पहने हुए खाना परोसते दिख रहे हैं. दावा किया जा रहा है कि ये फोटो हाल में नवरात्रि के दौरान अखिलेश द्वारा आयोजित किए गए कन्या भोज की है. जहां उन्होंने जूते पहनकर कन्याओं को खाना परोसा.

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(सोर्स: स्क्रीनशॉट/ट्विटर)

क्विंट की वेबकूफ टीम ने जब इस दावे की पड़ताल की, तो सामने आया कि फोटो 4 साल पुरानी है और इसका नवरात्रि के कन्या भोज से कोई संबंध नहीं है. फोटो तब की है जब 2016 में अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री रहते हुए उत्तरप्रदेश में ''हौसला न्यूट्रीशन स्कीम'' शुरू की थी.

इसको लेकर अखिलेश की काफी आलोचना भी हुई थी. लेकिन ये दावा झूठा है कि ये तस्वीर हाल में नववरात्रि पर आयोजित कन्या भोज की है.

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