भारतीय गणितज्ञ नीना गुप्ता की तस्वीरें सोशल मीडिया पर इस दावे से वायरल हैं कि वो रामानुजन (Ramanujan) पुरस्कार जीतने वाली भारत की पहली महिला गणितज्ञ हैं.
क्या है रामानुजन पुरस्कार : DST-ICTP-IMU रामानुजन पुरस्कार विकासशील देशों के उन युवा गणितज्ञों को दिया जाता है, जिन्होंने शोध की दिशा में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है. ये पुरस्कार 45 वर्ष या उससे कम उम्र के गणितज्ञों को ही मिलता है.
पुरस्कार की शुरुआत साल 2005 में हुई. डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (DST), द इंटरनेशनल थियोरेटिकल फिजिक्स (ICTP) और द इंटरनेशनल मैथेमेटिकल यूनियन (IMU) ने इसको लेकर कमेटी गठित की थी.
सच क्या है? : नीना गुप्ता को ये पुरस्कार साल 2021 में मिला और वे इस पुरस्कार को हासिल करने वाली चौथी गणितज्ञ व तीसरी महिला गणितज्ञ हैं.
हमने सच कैसे पता लगाया? : दावे से जुड़े कीवर्ड सर्च करने पर हमें सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग की तरफ से 10 दिसंबर 2021 को जारी की गई प्रेस रिलीज मिली.
प्रेस रिलीज के मुताबिक, कोलकाता स्थित इंडियन स्टेटिस्टिकल इंस्टीट्यूट की नीना गुप्ता रामानुजन पुरस्कार जीतने वाली तीसरी महिला बन गई हैं.
नीना गुप्ता को ये पुरस्कार कम्यूटेटिव अलजेबरा और एफीन अलजेब्रिक ज्योमेट्री की दिशा में उल्लेखनीय काम के लिए मिला है.
नीना गुप्ता ने affine spaces के Zariski cancellation problem को भी हल किया था. जब उन्हें इंडियन नेशनल साइंस अकादमी की तरफ से साल 2014 में 'यंग साइंटिस्ट अवॉर्ड मिला था.
अब हमने ICTP वेबसाइट पर उन लोगों की लिस्ट देखी, जिन्हें रामानुजन पुरस्कार मिला है.
यहां बताया गया है कि नीना ये पुरस्कार हासिल करने वाली चौथी भारतीय गणितज्ञ और दूसरी महिला भारतीय गणितज्ञ हैं.
टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (TIFR) की सुजाथा रामदोरई ने 2006 में ये पुरस्कार हासिल किया था. TIFR की अमललेंदू कृष्णा ने ये पुरस्कार 2015 में और ISI व TIFR की रिताब्रता मुंशी ने 2018 में ये पुरस्कार हासिल किया था.
पड़ताल का निष्कर्ष : नीना गुप्ता रामानुजन पुरस्कार जीतने वाली दूसरी भारतीय महिला हैं, न की पहली भारतीय महिला. जैसा कि दावा किया जा रहा है.
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