दावा
सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. 9 जून को कनाडाई जर्नलिस्ट और राइटर तारिक फतह ने भी इस वीडियो को अपने ट्विटर हैंडल से शेयर किया. उन्होंने दावा किया कि ये वीडियो तमिलनाडु की एक बाइक रैली का है. इस रैली में पाकिस्तान के झंडे लहराए गए हैं.
इस वीडियो को ‘सहाजियो’ नाम के एक ट्वीटर यूजर ने भी अपने हैंडल से शेयर किया था, जिसमें दावा किया गया था कि ये वीडियो तमिलनाडु के पलानी तालुके के नेकरापट्टी का है. इतना ही नहीं वीडियो को रमजान के वक्त का बताया गया है.
इस वीडियो को फेसबुक पर भी शेयर किया गया है. 'We-are-Rascals' नाम के एक पेज ने इसे शेयर किया है. इसमें भी दावा किया गया है कि वीडियो तमिलनाडु का है.
दावे में कितनी सच्चाई?
ये दावा कि तमिलनाडु में पाकिस्तान के झंडे लहराए गए हैं, एकदम गलत है. वीडियो में दिखाए गए झंडे पाकिस्तान के नहीं हैं, बल्कि इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के झंडे हैं.
सच का पता कैसे चला?
द क्विंट, पलानी तालुका के एक पुलिस अधिकारी युवराज के पास पंहुचा. युवराज ने बताया कि वीडियो असल में तमिलनाडु के नेकरापट्टी का ही है, लेकिन उसमे दिख रहे झंडे पाकिस्तान के नहीं है. उन्होंने कहा, "वीडियो नेकरापट्टी का है. ये वीडियो एक जुलूस का है, जो यहां रमजान के दौरान गांव के कोट्टिमन्थई इलाके में आयोजित किया गया था. ये एक वार्षिक कार्यक्रम है और हर साल होता है".
वीडियो में फहराए जा रहे झंडों के बारे में युवराज ने बताया, कि वीडियो में दिखाए गए झंडे पाकिस्तान के नहीं हैं बल्कि इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के हैं. ध्यान से देखने पर पता चलता है की झंडों पर कोई भी सफेद पट्टी नहीं दिखाई दे रही है, जबकि पाकिस्तान के झंडे में सफेद पट्टी होती है. यही इसे पाकिस्तान के झंडे से अलग बनता है. ये मुस्लिम लीग के झंडे हैं, ना कि पाकिस्तान के.
वीडियो का एक लंबा वर्जन 5 जून को 'Onion Kalakki' नाम के एक चैनल ने Youtube पर भी अपलोड किया था.
इस चैनल के ब्योरे में में भी यही बताया गया था कि वीडियो में दिखाए गए झंडे पाकिस्तान के झंडे नहीं हैं, बल्कि मुस्लिम लीग के झंडे हैं.
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