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यूपी पुलिस से पिटते इन लड़कों ने नहीं लगाए 'पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे

नाबालिग लड़कों को पीटते पुलिसकर्मियों का ये वीडियो पुराना है. पिटाई फोन चोरी के आरोप में हुई थी.

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सोशल मीडिया पर एक लड़के की बेरहमी से पिटाई करते दो पुलिसकर्मियों का वीडियो वायरल हो रहा है. दावा किया जा रहा है कि यूपी पुलिस (Uttar Pradesh Police) ने उसे इसलिए पीटा क्योंकि उसने ''पाकिस्तान जिंदाबाद'' के नारे लगाए थे.

हालांकि, हमने पाया कि ये वीडियो 2021 का है और यूपी के चंदौली जिले का है.न्यूज रिपोर्ट्स के मुताबिक, वायरल वीडियो में दिख रहे लड़के सहित तीन नाबालिगों को पुलिसकर्मियों ने मोबाइल चोरी के आरोप में मथेला गांव में पीटा था. वीडियो के सामने आने के बाद दोनों पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया था.

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दावा

वीडियो को इस दावे से शेयर किया जा रहा है, "अपने एक वोट की कीमत देखिए.! उत्तर प्रदेश में.. पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने के बाद यूपी पुलिस सबक सिखाते हुऐ.! पूरे देश में योगीजी जैसी सरकार हो.? जयहिंद..जयभारत.!"

ये वीडियो फेसबुक और ट्विटर दोनों प्लेटफॉर्म्स पर वायरल है. कुछ पोस्ट के आर्काइव आप यहां, यहां और यहां देख सकते हैं.

हमारी WhatsApp टिपलाइन पर भी वीडियो से जुड़ी कई क्वेरी आई हैं.

पड़ताल में हमने क्या पाया

हमने गूगल पर कीवर्ड सर्च किया. हमें 2 मई 2021 को Amar Ujala पर पब्लिश एक न्यूज रिपोर्ट मिली.

रिपोर्ट के मुताबिक, यूपी के चंदौली जिले के मथेल गांव में मोबाइल चोरी के आरोप में नाबालिग लड़कों को पुलिस ने पीटा था.

वीडियो के ऑनलाइन आने के बाद, डीआईजी ने इस पर संज्ञान लिया और बलुआ पुलिस थाने के अधिकार क्षेत्र में आने वाली कैलावर चौकी के प्रभारी शिवानंद वर्मा और कांस्टेबल दिलीप कुमार को निलंबित कर दिया.

हमें इस घटना से जुड़ी रिपोर्ट्स Live Hindustan और The Times of India जैसी दूसरी वेबसाइटों पर भी मिलीं. TOI पर 6 मई 2021 को पब्लिश रिपोर्ट के मुताबिक, नाबालिग लड़कों को तब पकड़ा गया जब वो एक दुकान में घुसने की कोशिश कर रहे थे.

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हमें 'UP Khabar' नाम की वेबसाइट पर 2 मई 2021 को ही पब्लिश यही वीडियो मिला, जिस ब्लर (धुंधला) नहीं किया गया था. हमने वायरल वीडियो से इस वीडियो की तुलना की.

दोनों वीडियो में लड़कों को एक जैसे कपड़ों में देखा जा सकता है. साथ ही, ट्यूबवेल भी देखा जा सकता है.

इसके अलावा, हमें चंदौली पुलिस के ऑफिशियल हैंडल पर एक ट्वीट मिला, जिसमें एक यूजर के ट्वीट (जिसे डिलीट किया जा चुका है) को कोट-ट्वीट कर कहा गया था कि पुलिस अधिकारियों को उनके अमानवीय व्यवहार की वजह से सस्पेंड कर दिया गया है. साथ ही, सोशल मीडिया यूजर्स को चेतावनी भी दी गई थी कि कुछ भी शेयर करने से पहले उसे वेरिफाई जरूर कर लें.

मतलब साफ है कि कथित रूप से मोबाइल फोन चोरी के आरोप में नाबालिगों की पिटाई करते पुलिस का पुराना वीडियो सोशल मीडिया पर इस झूठे दावे से शेयर किया जा रहा है कि उन्हें पाकिस्तान समर्थक नारे लगाने के लिए पीटा गया था.

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