अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में वोटों की गिनती रे बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेटिक उम्मीदवार जो बाइडेन की रैलियों से तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही हैं. इन तस्वीरों को दोनों को मिले 'समर्थन' की तुलना करने और बाइडेन की जीत पक्की समझ रहे लोगों की उम्मीदों पर पानी फेरने की कोशिश में शेयर किया जा रहा है.
हालांकि, दोनों ही रैलियों में जनता की संख्या की तुलना बड़ी ही भटकाने वाली है, क्योंकि डेमोक्रेटिक्स और रिपब्लिकन्स, दोनों ने ही इस महामारी के समय में चुनाव प्रचार के लिए अलग-अलग रणनीतियां अपनाई थीं. जहां ट्रंप ने भारी मात्रा में जनता को इकट्ठा कर अपनी रैलियां की थीं, वहीं बाइडेन ने सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए ड्राइन-इन रैलियां की थीं.
दावा
सोशल मीडिया को इस कैप्शन के साथ शेयर किया गया, "t's hard to trust pollsters when your own eyes see this day after day..."
ट्रांसलेशन: "वोटरों पर भरोसा करना मुश्किल हो जाता है, जब आप अपनी आंखों से ऐसा दृश्य हर रोज देखें."
हमें जांच में क्या मिला?
दोनों ही तस्वीरें असली हैं, लेकिन तुलना करते वक्त, दोनों में उम्मीदवारों की कैंपेनिंग स्ट्रैटेजी को ध्यान में नहीं रखा गया है.
ट्रंप ने पहली तस्वीर अपने इंस्टाग्राम पर 15 अक्टूबर को Iowa के Des Moines में रैली से शेयर की थी.
बाइडेन के टूर बस की एक तस्वीर 9 अक्टूबर को एरिजोना हाउस की डेमोक्रेटिक लीडर शारलीन फर्नांडीज ने शेयर की गई थी.
हालांकि, यहां इस बात पर गौर करना भी जरूरी है की वहां की लोकल मीडिया ने रिपोर्ट किया था कि टूर बस एरिजोना में चुनावी साइन, स्टीकर्स और दूसरी प्रचार सामान बांट रही थी. जो बाइडेन और उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार कमला हैरिस रैली में मौजूद नहीं थे.
इसके उलट, ट्रंप की Iowa में हुई रैली में "भारी भीड़" पहुंची थी, इसमें COVID-19 से बचने के लिए न सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया गया और न ही दूसरे एहतियात बरते गए.
द न्यूयॉर्क टाइम्स ने भी दोनों की अलग-अलग चुनावी रणनीति को रिपोर्ट किया था. जहां ट्रंप ने अपनी रैलियों में आई भारी भीड़ पर जोर दिया, तो वहीं बाइडेन ने उनपर 'हजारों की जान को खतरे मे डालने' का आरोप लगाया.
बाइडेन का कहना था, “मैं जिम्मेदार रहा हूं, हम इस तरह के सुपर सप्रेडिंग इवेंट्स नहीं कर रहे हैं.”
हाल ही में, स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की एक स्टडी में शोधकर्ताओं ने पाया कि ट्रंप की 20 जून से 30 सितंबर के बीच 18 रैलियों से 30 हजार कोरोना केस और करीब 700 मौतों के अनुमान है.
BBC की रिपोर्ट भी बताती है कि "महमारी की स्थिति को देखते हुए बाइडेन ने अपने प्रचार में जनता की संख्या को नियंत्रण में रखा, और अपने ही बेसमेंट में एक अस्थायी टीवी स्टूडियो से इंटरव्यू किए, जिसपर डोनाल्ड ट्रंप ने बाइडेन को 'हिडन बाइडेन' बोलकर तंज कसा."
इसलिए, दोनों की रैलियों मे जनता की संख्या तुलना करना अनुचित है.
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