ट्विटर पर इन दिनों एक वीडियो वायरल हो रहा है. इस वीडियो में पुलिस लोगों की भीड़ पर लाठी चार्ज कर रही है. लोग इधर-उधर भागते नजर आ रहे हैं. पाकिस्तान के लोग इस वीडियो को खूब शेयर कर रहे हैं. वीडियो के साथ लिखे कैप्शन में दावा किया जा रहा है कि भारत में अल्पसंख्यकों पर पुलिस अत्याचार कर रही है.
क्या है दावा?
वीडियो शेयर करने के साथ ये दावा किया जा रहा है कि पुलिस एक मस्जिद में नमाज पढ़ रहे मुसलमानों पर लाठीचार्ज कर रही है. एक मिनट की इस वीडियो में लोग भागते हुए नजर आ रहे हैं. पाकिस्तानी लोग इस वीडियो को शेयर करते हुए लिख रहे हैं कि भारत में अल्पसंख्यक सुरक्षित नहीं है.
ये वीडियो सबसे पहले जावेद शेख ने 24 अप्रैल को शेयर किया था लेकिन बाद में इसे डिलीट कर दिया. ऑल्ट न्यूज ने इस ट्वीट को आर्काइव किया था.
डिलीट होने से पहले इस ट्वीट पर 9000 व्यूज, 410 लाइक्स थे और साथ ही इसे 534 बार रीट्वीट भी किया गया था.
पाकिस्तानी पत्रकार ने इस वीडियो पर रिप्लाई करते हुए ‘Terrible’ लिखा था, मतलब भयावह.
इस वीडियो को बहुत से लोगों ने भी शेयर किया था. बता दें कि इस वीडियो में बहुत ज्यादा अपशब्दों का इस्तेमाल हुआ, जिस वजह से हम सोशल मीडिया पोस्ट केे स्क्रीनशॉट लगा रहे हैं.
एक न्यूज पोर्टल ईएचए न्यूज ने भी ट्विटर पर ये वीडियो शेयर किया था. ईएचए न्यूज ने वीडियो के साथ लिखा था कि, ‘चरमपंथी हिंदूओं का मुस्लिम आबादी पर हमला बढ़ता जा रहा है.’
ये वीडियो यूट्यूब पर 24 मार्च को पोस्ट की गई थी जिसमें भी यही बातें लिखी गई थी.
दावा सच्चा या झूठा?
क्विंट ने जब इस वीडियो को इनविड सॉफ्टवेयर पर फ्रेम दर फ्रेम तोड़कर देखा तो एक तस्वीर में एक नाम सामने आया. ये नाम एसएसपी अलीगढ़ का था. यहां से ये नाम उठाकर जब गूगल सर्च में ‘SSP aligarh lathicharge’ सर्च किया तो सबसे ऊपर टाइम्स ऑफ इंडिया की 12 जून 2018 की एक रिपोर्ट दिखी. इस रिपोर्ट में लिखा था कि कैसे अलीगढ़ पुलिस ने हिंदू जागरण मंच के लोगों पर लाठीचार्ज किया जो एसएसपी के ऑफिस में जबरदस्ती घुसने की कोशिश कर रहे थे.
एएनआई यूपी का भी एक ट्वीट मिला जिसमें टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट वाली बात ही लिखी थी.
इंडियन एक्सप्रेस ने भी इस खबर को छापा था और लिखा था कि अलीगढ़ एसएसपी ऑफिस में हिंदू जागरण मंच के लोगों पर लाठीचार्ज हुआ था.
हमारी पड़ताल में पता चला कि वीडियो सही है लेकिन इसे गलत संदेश के साथ शेयर किया जा रहा है. इस वीडियो का दूर-दूर तक मुसलमानों से कोई लेना-देना नहीं है. इस वीडियो में जिन लोगों पर लाठीचार्ज हो रहा है वो हिंदू जागरण मंच के लोग हैं.
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