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Recap: कोरोना वैक्सीन से डराते गलत दावे और चुनावी झूठों का सच

इस हफ्ते सोशल मीडिया पर किए गए झूठे दावे और उनका सच

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कोरोना की दूसरी लहर ने लोगों के जहन में फिर एक बार डर पैदा कर दिया है. एक तरफ जहां लगातार बढ़ रहे कोविड-19 के मामलों के बीच देश के कई हिस्सों में प्रशासन ने सख्ती शुरू कर दी है, वहीं दूसरी तरफ, कोरोना से जुड़े झूठे दावों के साथ फेक न्यूज फैक्ट्री के प्रोडक्ट्स की सोशल मीडिया पर रीलॉन्चिंग होने लगी है.

वैक्सीन के झूठे नुकसान और कोरोना से होने वाली मौतों के झूठे आंकड़ों के अलावा, चुनावी भाषणों में नेताओं के झूठ का सिलसिला इस हफ्ते भी जारी रहा. छत्तीसगढ़ में हुए नक्सली हमले को लेकर भी झूठ फैलाया गया, जिसमें देश ने अपने 22 जवान खो दिए. क्विंट ने इन सभी दावों का सच आप तक पहुंचाया और आपको वेबकूफ बनने से बचाया. जानिए इस हफ्ते सोशल मीडिया पर किए गए ऐसे ही कुछ भ्रामक दावों का सच, एक नजर में.

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वैक्सीन का दूसरा डोज लेने से नहीं बढ़ता कोरोना संक्रमण का खतरा

सोशल मीडिया पर एक वायरल मैसेज में ये दावा किया गया कि कोविड-19 की वैक्सीन लेने के बाद वायरस के संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है. मैसेज में वैक्सीन का दूसरा डोज लेने के डेढ़ महीने बाद तक इंसान के कोरोना संक्रमित होने की संभावना ज्यादा रहती है. मैसेज में ये भी दावा किया गया कि वैक्सीन का दूसरा डोज लेने के डेढ़ महीने बाद तक इंसान के कोरोना संक्रमित होने की संभावना ज्यादा रहती है. इन दावों की पुष्टि के लिए हमने कोविड-19 वैक्सीन से जुड़ी रिसर्च रिपोर्ट्स चेक कीं और देश की शीर्ष रिसर्च संस्था इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के सेंटर फॉर एडवांस रिसर्च इन वायरोलॉजी के प्रमुख रह चुके डॉ. जैकब टी जॉन से संपर्क किया. डॉ. जॉन ने वायरल मैसेज में किए गए अधिकतर दावों को फेक बताया.

इस हफ्ते सोशल मीडिया पर किए गए झूठे दावे और उनका सच
पोस्ट का अर्काइव देखने के लिए यहां क्लिक करें
सोर्स : स्क्रीनशॉट/फेसबुक

LANCET जर्नल में भारत की कोवैक्सीन के दूसरे फेज के ट्रायल की रिपोर्ट छपी है. इस रिपोर्ट में कोवैक्सीन को प्रभावी बताया गया है. हालांकि साथ में ये भी कहा गया है कि वैक्सीन कितनी सुरक्षित है, ये तीसरे चरण के ट्रायल के बाद पता चलेगा.  LANCET की इस रिपोर्ट में ये जिक्र कहीं नहीं है कि वैक्सीन का दूसरा डोज लेने के बाद कोविड 19 के संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है.

डॉ. जैकब टी जॉन के मुताबिक, ये दावा झूठा है कि वैक्सीन लेने के बाद कोविड-19 का खतरा बढ़ जाता है. ये संभावना है कि वैक्सीन वायरस से बचाने में असर ही न करे, लेकिन संक्रमण का खतरा बढ़ता नहीं है.

पूरी रिपोर्ट पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

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बंगाल के चुनावी दौरे पर PM मोदी ने खाली मैदान में नहीं हिलाया हाथ

सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक वीडियो शेयर कर दावा किया गया कि बंगाल की एक चुनावी रैली में उन्होने खाली मैदान के सामने हाथ हिलाया.

इस हफ्ते सोशल मीडिया पर किए गए झूठे दावे और उनका सच
पोस्ट का अर्काइव देखने के लिए यहां क्लिक करें
सोर्स : स्क्रीनशॉट/ट्विटर

InVID WeVerify टूल के जरिए हमने वायरल हो रहे वीडियो को की-फ्रेम्स में बांटा. इसके बाद इन फ्रेम्स को हमने गूगल पर रिवर्स सर्च किया. हमें इसी वीडियो का हाई-रेजोल्यूशन वाला वर्जन मिला. ये वीडियो बीजेपी के ऑफिशियल फेसबुक पेज पर 1 अप्रैल को अपलोड किया गया है. वीडियो के इस असली वर्जन में साफ देखा जा सकता है कि मोदी भीड़ के बीच खड़े हैं.

पूरी पड़ताल यहां देखें

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WHO ने नहीं कहा ‘COVID से 15 अप्रैल तक देश में होंगी 50,000 मौतें’

WhatsApp पर एक बुलेटिन शेयर कर ये दावा किया गया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने भारत को चेतावनी दी है कि 15 अप्रैल तक देश में 50,000 लोगों की मौत हो जाएगी.

इस हफ्ते सोशल मीडिया पर किए गए झूठे दावे और उनका सच
दावा किया दा रहा है कि WHO और ICMR ने भारत को चेतावनी दी है
सोर्स: स्क्रीनशॉट/WhatsApp)

‘WHO साउथ ईस्ट एशिया’ के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर ये दावा करने वाले बुलेटिन को फेक बताया. हमें ऐसी कोई न्यूज रिपोर्ट नहीं मिली, जिससे दावे की पुष्टि होती हो.

पूरी पड़ताल यहां देखें

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असम में सबसे ज्यादा बेरोजगारी? गलत है राहुल गांधी का ये दावा

असम के नलबरी में 31 मार्च को हुई एक जनसभा में राहुल गांधी ने ये दावा किया कि देश में सबसे ज्यादा बेरोजगारी असम में है. राहुल गांधी ने कहा - हिंदुस्तान में सबसे ज्यादा बेरोजगारी असम में है . कांग्रेस के ऑफिशियल यूट्यूब चैनल पर इस भाषण का पूरा वीडियो है. 42:48 मिनट बाद राहुल को ये कहते हुए सुना जा सकता है.

भारत सरकार और सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) के डेटा के मुताबिक, असम सर्वाधिक बेरोजगारी वाला राज्य नहीं है.

2018-2019 के पीरियॉडिक लेबर फोर्स सर्वे के मुताबिक, असम में साल 2018-19 में बेरोजगारी दर 6.7 %  थी. हालांकि, ये आंकड़ा देश भर में सबसे ज्यादा नहीं था. सबसे ज्यादा बेरोजगारी लक्षद्वीप में 31.6% थी. सर्वाधिक बेरोजगारी के मामले में दूसरे नंबर पर नगालैंड था, जहां 17.5% बेरोजगारी थी. अंडमान और नीकोबार आइलैंड में 13.5%, दिल्ली में 10.4%, बिहार में 10.2% और त्रिपुरा में 10.1% बेरोजगारी दर्ज की गई थी.

बेरोजगारी के हालिया आंकड़ों के लिए हमने सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोेनॉमी (CMIE) का डेटा चेक किया. ये एक प्राइवेट थिंक टैंक है, जिसका हेडक्वार्टर मुंबई में है. मार्च, 2021 के डेटा के मुताबिक, असम में 1.1% बेरोजगारी थी. वहीं हरियाणा, गोवा और राजस्थान में बेरोजगारी दर क्रमश: 28.1%, 22.2% और 19.7% थी.

पूरी रिपोर्ट यहां देखें

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कोरोना काल की नहीं है बिना मास्क पहने मंच पर खड़े केजरीवाल की फोटो

सोशल मीडिया पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की एक फोटो वायरल हो रही है. इसमें सीएम केजरीवाल और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया एक बच्चे को मास्क पहनाते दिख रहे हैं. लेकिन, तीनों ने खुद मास्क नहीं पहना है. फोटो को सोशल मीडिया पर हाल का बताकर शेयर किया जा रहा है.

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सोर्स :स्क्रीनशॉट/ट्विटर
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बीजापुर नक्सली हमले के मामले में नहीं हुई BJP नेता की गिरफ्तारी

हिंदी अखबार नवभारत टाइम्स की खबर का स्क्रीनशॉट शेयर कर दावा किया जा रहा है कि पूर्व बीजेपी नेता का छत्तीसगढ़ के बीजापुर में हुए नक्सली हमले से कनेक्शन सामने आया है

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सोर्स : स्क्रीनशॉट/फेसबुक

वायरल स्क्रीनशॉट में ‘NavaBharat News Network’ लिखा दिख रहा है. हमने नवभारत अखबार के ई-पेपर चेक किए. हमें 5 अप्रैल के संस्करण में छपी एक खबर में यही हेडलाइन मिली. हेडलाइन है “छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सली अटैक 24 शहीद 31 घायल”

खबर के सब-हेड में लिखा है - 20 से अधिक हथियार लूटे”. लेकिन, वायरल स्क्रीनशॉट में दिख रहा दूसरा सबहेड BJP नेता समेत 2 गिरफ्तार इस असली खबर में नहीं है . असल में दूसरा सबहेड है “2,059 जवान थे हिडमा की तलाश में”.

वायरल और असली खबर के बीच का अंतर यहां देखा जा सकता है

इस हफ्ते सोशल मीडिया पर किए गए झूठे दावे और उनका सच

पूूर पड़ताल यहा देखें

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