एडिटेड फोटो के जरिए प्रधानमंत्री की छाते पर जियो का विज्ञापन होने का दावा हो या फिर उत्तराखंड चुनाव से पहले बद्रीनाथ को मुस्लिमों का धार्मिक स्थल बनाने की मांग उठने का क्लेम. इस हफ्ते सोशल मीडिया पर ऐसे कई फर्जी दावों की भरमार रही. जानिए इन सभी का सच एक नजर में.
1. PM मोदी की छतरी पर JIO का विज्ञापन?
सोशल मीडिया पर पीएम मोदी की एक फोटो वायरल हुई. फोटो में पीएम मोदी जो छतरी हाथ में लिए हैं, उस पर JIO कंपनी का लोगो दिख रहा है. सोशल मीडिया पर फोटो शेयर कर पीएम मोदी को व्यंगात्मक लहजे में जियो का ब्रांड एंबेसडर कहा जा रहा है.
हमने प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) के ऑफिशियल यूट्यूब चैनल पर पीएम के उस भाषण के लाइव प्रसारण का वीडियो चेक किया, जिसमें वे हाथ में छाता लिए हुए हैं.
2.भगवा झंडे का अपमान करने पर राजस्थान में विधायक की हुई पिटाई
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है. इसमें भीड़ एक शख्स का पीछा करते हुए और पिटाई करते हुए दिख रही है. वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि जिस शख्स की पिटाई हो रही है वो राजस्थान के गंगापुर शहर के विधायक रामकेश मीणा हैं. विधायक की पिटाई इसलिए हुई, क्योंकि उन्होंने राजस्थान में एक किले के ऊपर फहराए गए भगवा झंडे को हटवा दिया.
InVID टूल का इस्तेमाल कर हमने वीडियो को कई कीफ्रेम में बांटा और उन पर रिवर्स इमेज सर्च करके देखा.
हमें यूट्यूब पर अप्रैल 2018 में अपलोड किया गया एक वीडियो मिला. इसका टाइटल 'पूर्व विधायक रामकेश मीना को गंगापुर सिटी में दौड़ा दौड़ाकर पीटा' था.
क्विंट ने सवाई-माधोपुर पुलिस की जिला विशेष शाखा के एएसआई मोहन लाल से बात की. उन्होंने पुष्टि की कि ये वीडियो पुराना है.
उन्होंने बताया कि हाल में रामकेश मीणा की मौजूदगी में किले से भगवा झंडा हटा दिया गया था. लेकिन, ये घटना हिंसक नहीं हुई. हालांकि, विधायक से नाराज स्थानीय लोग प्रोटेस्ट की योजना बना रहे थे.
पूरी पड़ताल यहां देखें
3. उत्तराखंड चुनाव से पहले बद्रीनाथ को मुस्लिमों का धार्मिक स्थल बनाने की मांग?
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है. इसमें दिख रहा शख्स ये कह रहा है कि Badrinath असल में Islam धर्म का धार्मिक स्थल है. वीडियो में ये शख्स आगे PM Modi से भी ये मांग करता है कि वे इस मामले में आगे आएं और Muslims को उनका धार्मिक स्थल सौंप दें.
वीडियो को Uttrakhand में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) पार्टी की एंट्री से जोड़कर शेयर किया जा र
पड़ताल में सामने आया कि वीडियो 4 साल पुराना है और इसका उत्तराखंड चुनाव या AAP से कोई संबंध नहीं है.
वीडियो में कही जा रही बातों से जुड़े कीवर्ड हमने गूगल पर सर्च किए. यूट्यूब पर 16 नवंबर, 2017 को अपलोड किया गया एक वीडियो हमें मिला. ये वीडियो वायरल हो रही क्लिप का लंबा वर्जन है.
हमें न्यूज चैनल INDIA TV का साल 2017 का एक बुलेटिन भी मिला. जिसमें बताया गया है कि मौलाना कासमी का वीडियो सामने आने के बाद मुद्दे ने तूल पकड़ लिया है.
पूरी पड़ताल यहां देखें
4. साउथ अफ्रीका के नेता ने भारतीयों के घर जलाने को कहा? अधूरे
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है. इसमें एक शख्स भारतीयों और श्वेत पड़ोसियों के घर जलाने की बात कहता दिख रहा है. दावा किया जा रहा है कि ये वीडियो South Africa का है, जहां ये नेता तीन समुदायों के बीच हिंसा भड़का रहा है.
हमारी पड़ताल में सामने आया कि एक लंबे भाषण के वीडियो से छेड़छाड़ कर गलत नैरेटिव सेट करने के लिए शेयर किया जा रहा है. पूरे भाषण में eThekwini के मेयर Mxolisi Kaunda को शांति कायम करने की अपील करते हुए देखा और सुना जा सकता है.
भाषण का पूरा वीडियो eThekwini म्यूनिसिपैलिटी के फेसबुक पेज पर 14 जुलाई को अपलोड किया गया था. वीडियो में भाषण देते दिख रहे मेयर काउंसिलर सभी समुदायों के नेताओं से इलाके में हो रही हिंसा और नस्लवाद को खत्म करने की अपील कर रहे हैं.
भाषण के वीडियो में मेयर को कहते हुए सुना जा सकता हैं ''सोशल मीडिया पर एक वॉइस नोट वायरल हो रहा है. इस वॉइसनोट में कहा जा रहा है कि जाओ और दुकानों, मॉल्स को लूटो. जब पूरी तरह लूट लो तो भारतीय इलाकों में जाओ. ये मैं नहीं कह रहा. मैंने कहा कि सोशल मीडिया पर ऐसा कहा जा रहा है. भारतीय समुदायों में जाओ और भारतीयों को लूटो, उनके घर जलाओ. श्वेतों के इलाके में जाओ, जब तुम लूटपाट कर लो तो श्वेतों के घर जलाओ'' (हिंदी अनुवाद)
पूरी पड़ताल यहां देखें
5. 'इस्लामिक स्टडीज' के जरिए IAS बन रहे कैंडिडेट?
UPSC की सिविल सर्विसेज परीक्षा में Islamic Studies सब्जेक्ट के जरिए IAS बना जा सकता है. मैसेज में ये सवाल उठाया जा रहा है कि जब इस्लामिक स्टडीज के जरिए IAS बना जा सकता है तो फिर रामायाण और गीता को भी सिलेबस में शामिल क्यों नहीं किया जाता.
केंद्रीय लोक सेवा आयोग (UPSC) ने मार्च 2021 में सिविल सर्विसेज (IAS) परीक्षा का नोटिफिकेशन जारी किया था. इस नोटिफिकेशन में हमने ऑप्शनल सब्जेक्ट्स की लिस्ट चेक की. लिस्ट में इस्लामिक स्टडीज का नाम नहीं है.
पूरी पड़ताल यहां देखें
(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)