पांच राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनावों की वोटिंग शुरू होने में कुछ ही घंटे बाकी हैं. चुनावों के प्रचार में नेताओं के बड़े-बड़े वादों के साथ ही सोशल मीडिया पर लोगों को भ्रमित करने वाले झूठे दावों की भी इस सप्ताह भरमार रही.
कभी पीएम मोदी के भाषण का अधूरा हिस्सा वायरल कर ये दावा किया गया कि उन्होंने गरीबों को आपस में लड़वाने और उनसे झूठ बोलने की बात कही. तो कभी राहुल गांधी की छात्रों से बातचीत का अधूरा वीडियो गलत दावे से शेयर हुआ.
ममता बनर्जी पर चुपचाप दरगाह जाने का आरोप लगा और लोगों को चौंकाने के लिए यूपी में लॉकडाउन की फेक खबर भी फैलाई गई. जानें इस सप्ताह सोशल मीडिया पर किए गए इन सभी दावों का सच एक नजर में
1-पीएम मोदी ने कहा - गरीबों को सपने दिखाओ और उनका आपस में झगड़ा कराओ?
असम चुनाव के बीच सोशल मीडिया पर पीएम मोदी का एक अधूरा वीडियो शेयर किया गया. इसमें पीएम मोदी कहते दिख रहे हैं - गरीबों को सिर्फ सपने दिखाओ, झूठ बोलो, उनका आपस में झगडा करवाओ और राज करो. कांग्रेस के सोशल मीडिया डिपार्टमेंट के हैड रोहन गुप्ता ने सात सेकंड का ये वीडियो शेयर किया.
बीजेपी के ऑफिशियल सोशल मीडिया हैंडल चेक करने पर 21 मार्च को अपलोड किया गया वीडियो हमें मिला. 01:50 मिनट के वीडियो में 0:21 सेकंड बाद पीएम मोदी कहते हैं - “गरीब को सिर्फ सपने दिखाओ, झूठ बोलो, उसे आपस में लड़ाओ, और राज करो, यही कांग्रेस का हमेशा से सत्ता में रहने का फॉर्मूला रहा है''
वीडियो में ‘BJP LIVE,’ वॉटर मार्क देखा जा सकता है. हमें इस भाषण की लाइव स्ट्रीमिंग का लिंक भी मिला. 42:27 लंबे वीडियो में 35:20 मिनट बाद वह हिस्सा आता है, जिसे सोशल मीडिया पर गलत संदर्भ में शेयर किया जा रहा है.
मतलब साफ है - पीएम मोदी के भाषण का अधूरा हिस्सा सोशल मीडिया पर गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है.
2. बंगाल: ममता बनर्जी ‘चुपचाप’ मजार गईं थीं? गलत दावे से वीडियो वायरल
ममता बनर्जी का मजार में प्रार्थना करते हुए एक वीडियो शेयर कर दावा किया गया कि वे 'गुप्त रूप से' मजार गईं. ये वीडियो फेसबुक और ट्विटर पर एक जैसे दावे के साथ इंग्लिश और बांग्ला में शेयर किया गया.
वीडियो के साथ शेयर किए जा रहे मैसेज में लिखा था - "ममता दीदी..ममता दीदी कल देर रात नंदीग्राम में मुस्लिमों के साथ प्रार्थना कर रही थीं! लेकिन आप दिन में हिंदू भाइयों के साथ धोखा कर रही थीं. (इस वीडियो को एक छुपे हुए कैमरे से शूट किया गया है, जिसे सोशल मीडिया पर छिपाया जा रहा है,...इसे वायरल कर दो).''
वेबकूफ की पड़ताल में सामने आया कि ममता बनर्जी का मजार जाना कोई सीक्रेट नहीं था. न्यूज 24 ने भी ममता के मजार जाने की खबर रिपोर्ट की थी. ममता बनर्जी के फेसबुक पेज पर भी यही वीडियो स्ट्रीम किया गया था.
ममता के फेसबुक पेज पर अपलोड किए गए वीडियो के विजुअल और वायरल वीडियो में तुलना करने पर साफ हो रहा है कि दोनों वीडियो एक ही इवेंट के हैं.
3. राहुल गांधी से छात्र ने कहा-देश में नहीं है बेरोजगारी? झूठा है दावा
सोशल मीडिया पर राहुल गांधी का एक वीडियो वायरल हुआ. जिसमें वे कॉलेज के छात्रों से बातचीत करते नजर आ रहे है. राहुल गांधी 19 -20 मार्च को विधानसभा चुनाव प्रचार के लिए असम पहुंचे थे, वीडियो तभी का है. वीडियो को सोशल मीडिया पर इस गलत नैरेटिव के साथ शेयर किया गया है कि, छात्र बेरोजगारी के मुद्दे पर राहुल गांधी से असहमत थे.
हमने उस रैली का पूरा वीडियो देखा, जिसका एक हिस्सा सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है. ये रैली असम के डिबरूगढ़ में आयोजित हुई थी. इस दौरान राहुल गांधी ने कुछ कॉलेज स्टूडेंट्स से बातचीत की थी. ये पूरा वीडियो कांग्रेस के ऑफिशियल यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया गया है.
वीडियो में 17:14 मिनट बाद छात्रों और राहुल गांधी के बीच का संवाद देखा जा सकता है. 24:16 मिनट पर वह हिस्सा आता है, जो वायरल हो रहा है. राहुल गांधी ट्रांसलेटर से छात्रों से पूछने को कहते हैं - क्या इन्हें (छात्रों को) लगता है कि बीजेपी सरकार आने के बाद बेरोजगारी बढ़ी है ? ( हिंदी अनुवाद)
राहुल गांधी की बात खत्म करते ही छात्र कहता है - has not increased ( नहीं बढ़ी है). लेकिन, इसके तुरंत बाद ही छात्र अपने कहने का मतलब समझाता है.
छात्र के पास खड़े हुए ट्रांसलेटर ने उसे राहुल गांधी का सवाल समझाया. इसके बाद छात्र ने असमिया भाषा में कहा कि बेरोगजारी बढ़ी है. साफ है कि सोशल मीडिया पर राहुल गांधी और छात्रों के बीच हुई बातचीत के वीडियो का एक हिस्सा गलत दावे से शेयर किया जा रहा है.
4. UP में नहीं हुई लॉकडाउन की कोई घोषणा, पुराना वीडियो वायरल
कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ का एक वीडियो शेयर किया जा रहा है जिसमें वो 15 जिलों में लॉकडाउन की घोषणा करते हुए दिख रहे हैं.
वीडियो से संबंधित जरूरी कीवर्ड सर्च करने पर हमें ओरिजनल वीडियो मिला, जिसे 'Kadak' (कड़क) नाम के यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया गया था. कड़क, News 18 India का प्रॉडक्ट है. इस वीडियो में 'निचोड़' लिखा हुआ एक लोगो भी लगा हुआ है. 'निचोड़' कड़क की एक सीरीज है. साफ है कि वायरल हो रहा वीडियो पिछले साल का है.
यूपी के सीएम ने कोरोनावायरस महामारी के मद्देनजर 2020 में 23 मार्च से 25 मार्च तक लॉकडाउन की घोषणा की थी. यूपी के 15 जिलों लखनऊ, आगरा, गौतम बुद्ध नगर, गाजियाबाद, वाराणसी, प्रयागराज, कानपुर, अलीगढ़, मुरादाबाद, लखीमपुर खीरी, बरेली, आजमगढ़, मेरठ, गोरखपुर, और सहारनपुर में लॉकडाउन लगाया गया था.
न्यूज एजेंसी IANS की 17 मार्च की रिपोर्ट के मुताबिक, यूपी के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने राज्य के किसी भी हिस्से में नाइट कर्फ्यू या लॉकडाउन की संभावना से इनकार कर दिया था. हालांकि, स्वास्थ्य मंत्री ने लोगों को कोविड से जुड़े दिशा-निर्देशों का पालन करने के लिए आगाह करते हुए कहा कि होली को देखते हुए एयरपोर्ट, रेलवे प्लेटफॉर्म और बस स्टेशनों में यात्रियों का टेस्ट किया जाएगा.
साफ है कि 2020 का वीडियो इस गलत दावे से शेयर किया जा रहा है कि यूपी सीएम ने लॉकडाउन की घोषणा की है.
5.अमेरिकी रक्षामंत्री ने भारत में मानवाधिकारों पर बात की? ये झूठ नहीं
कुछ सोशल मीडिया यूजर्स ने ये दावा किया कि NDTV ने अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन के भारत दौरे को लेकर फेक न्यूज फैलाई. एनडीटीवी की रिपोर्ट कहती है कि अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने भारत के मंत्रियों से मानवाधिकार के मुद्दे पर चर्चा की. इसी रिपोर्ट को सोशल मीडिया पर फेक बताया गया.
अमेरिकी रक्षा मंत्री ने दिल्ली में हुई प्रेस ब्रीफिंग में खुद बताया था कि उन्होंने भारत सरकार के मंत्रियों से मानवाधिकारों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की. प्रेस कॉन्फ्रेंस में कही गई बातों का रिकॉर्ड अमेरिकी रक्षा मंत्रालय की ऑफिशियल वेबसाइट पर भी है.
ऑस्टिन से पत्रकार ने सवाल किया था कि क्या उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ “विशेष रूप से मुस्लिम अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रहे मानवाधिकारों के उल्लंघन को लेकर सवाल” करने का मौका मिला? ऑस्टिन ने जवाब में कहा था कि उन्हें पीएम मोदी के साथ तो ये चर्चा करने का मौका तो नहीं मिला, लेकिन उन्होंने कैबिनेट के सदस्यों से इसपर बात की है.
भारत सरकार ने अब तक आधिकारिक तौर पर इस बात का खंडन नहीं किया है कि अमेरिकी रक्षा मंत्री के साथ मानवाधिकारों को लेकर चर्चा हुई थी.
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