दंगल ने हजार करोड़ और सीक्रेट सुपरस्टार ने 810 करोड़ रुपये की कमाई चीन में की है. हाल ही में रिलीज हुई बजरंगी भाईजान भी वहां 3 हफ्ते से कुछ अधिक समय में 233 करोड़ रुपये की कमाई कर चुकी है. अचानक चीन में बॉलीवुड का क्रेज क्यों बढ़ गया है? यह करिश्मा रातोंरात नहीं हुआ है और इसकी शुरुआत साल 2011 में 3 इडियट्स के साथ हुई थी.
फिल्म ट्रेड एक्सपर्ट तरण आदर्श ने बताया, ‘3 इडियट्स और पीके के साथ चीन में हिंदी फिल्मों का बाजार धीरे-धीरे बढ़ना शुरू हुआ था. दंगल के साथ यह पीक पर पहुंच गया.’ उन्होंने बताया कि चीन में ज्यादा स्क्रीन हैं, इसलिए हिंदी फिल्मों के वहां ज्यादा शो होते हैं. चीन में हिंदी फिल्में मंदारिन में रिलीज होती हैं. इससे भी फायदा होता है. आदर्श के मुताबिक, इसलिए हिंदी फिल्में वहां जबरदस्त कमाई कर रही हैं.
2017 की फिक्की-के पीएमजी मीडिया एंड एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री रिपोर्ट के मुताबिक, 2016 में भारत में 6,000 सिंगल स्क्रीन और 2,500 मल्टीप्लेक्स थे, जबकि चीन में इनकी संख्या आज 45,000 है.
चीन और भारत में स्क्रीन की संख्या
- भारत: 8,500
- चीन: 45,000
कंटेंट में है दम
बजरंगी भाईजान के डायरेक्टर कबीर खान हाल में फिल्म की रिलीज के मौके पर चीन गए थे. उन्होंने बताया, ‘चीन के लोगों की बाहर के टैलेंट में दिलचस्पी है.’ इसका फायदा हॉलीवुड के साथ बॉलीवुड को भी हो रहा है. हॉलीवुड के लिए भी चीन दूसरा सबसे बड़ा बाजार है. हिंदी फिल्मों को वहां कंटेंट की वजह से काफी पसंद किया जा रहा है.
यूनान एकेडमी ऑफ सोशल साइंसेज में असिस्टेंट प्रोफेसर हू शियाओवेन ने 3 इडियट्स, पीके और सीक्रेट सुपरस्टार देखी हैं और उन्हें तीनों फिल्में पसंद आईं. उन्होंने बताया कि इन फिल्मों के केंद्र में मानवीय संवेदनाएं हैं, जो चीन के लोगों को पसंद आईं. उन्होंने बताया कि इन फिल्मों में स्पेशल इफेक्ट्स की भरमार नहीं है. इनमें एक स्टोरी सिंपल तरीके से बताई गई है. वहीं, हॉलीवुड की फिल्म फास्ट फूड की तरह होती है.
आमिर ने तोड़ी ‘चीन की दीवार’
3 इडियट्स, पीके, दंगल और अब सीक्रेट सुपरस्टार. आमिर खान चीन में बहुत बड़े स्टार बन चुके हैं. हिंदी फिल्मों का चीन में बाजार बनाने का श्रेय भी उन्हें जाता है. हू भी उनके फैन हैं. हू ने बताया-
आमिर की चीन में अच्छी इमेज है. कुछ लोगों ने उनका टीवी शो सत्यमेव जयते देखा है. चीन और भारत के लोग एक दूसरे के बारे में अधिक नहीं जानते. फिल्में हमारे लिए भारत को जानने का जरिया भी हैं.
अद्वैत चंदन की फिल्म सीक्रेट सुपरस्टार ने भारत से कहीं ज्यादा कमाई चीन में की है. उन्होंने बताया-
चीन में भारतीय फिल्मों का बाजार बनाने का श्रेय आमिर सर को जाता है. इसकी शुरुआत 3 इडियट्स से हुई थी. उसके बाद पीके और दंगल से यह बाजार और बड़ा हुआ. चीन के लोग हिंदी गाने गा रहे हैं और हिंदी सीख रहे हैं. उन्हें दंगल के डायलॉग याद हैं. सीक्रेट सुपरस्टार को चीन में जो भावनात्मक रिस्पॉन्स मिला, मेरे लिए उसे भुलाना मुमकिन नहीं है. जब मैं वहां गया था, तो मुझे पता नहीं था कि मेरी फिल्म को कैसा रिस्पॉन्स मिलेगा.
हिंदी फिल्मों की चीन में लोकप्रियता बढ़ने की एक और वजह है. हू के मुताबिक, ‘पश्चिम के मुकाबले भारत और चीन की संस्कृति काफी मिलती-जुलती है. गाने और डांस हमारे लिए स्पेशल हैं, जो चीन की फिल्मों में नहीं होते.’ तो क्या चीन की फिल्मों में अच्छा कंटेंट नहीं होता? हू ने बताया कि हाल में चीन की फिल्मों की काफी आलोचना हो रही है क्योंकि उनमें बहुत ज्यादा स्पेशल इफेक्ट्स होते हैं. उन्होंने कहा कि वे इस मामले में हॉलीवुड की फिल्मों की कॉपी कर रहे हैं.
भारत और चीन में टिकट के दाम में काफी अंतर है
लाइवमिंट के मुताबिक, भारतीय फिल्मों की चीन में मोटी कमाई की वजह दोनों देशों में टिकट के दाम में अंतर है. चीन में सिनेमा टिकट की औसत कीमत 779 रुपये है, जबकि भारत में यह 100 रुपये है. स्क्रीन की संख्या भी वहां काफी अधिक है. इसलिए हिंदी फिल्में चीन में खूब पैसा बना रही हैं.
केपीएमजी की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, 2012 में विदेश से भारतीय फिल्मों की कमाई 760 करोड़ रुपये थी, जो 2016 में बढ़कर 1,100 करोड़ रुपये हो गई थी. इसमें चीन ने बड़ी भूमिका निभाई है. जल्द ही वहां बाहुबलि 2 रिलीज हो रही है. इससे चीन से भारतीय फिल्मों की आमदनी और बढ़ेगी.
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