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अफगानिस्तान: तालिबान सरकार का ऐलान क्लास 6 के बाद स्कूल नहीं जाएंगी लड़कियां

पिछले साल अगस्त में सत्ता में वापसी करने के बाद तालिबान ने लड़कियों की शिक्षा और रोजगार के अवसरों का वादा किया था.

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अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान (Taliban) सरकार ने ऐलान किया है कि लड़कियों के हाई स्कूल करीब सात महीनों में पहली बार फिर से खुलने के कुछ घंटों बाद बंद कर दिए जाएंगे. रिपोर्ट्स के मुताबिक तालिबान का कहना है कि क्लास 6 से ऊपर की छात्राएं स्कूल नहीं जा सकती हैं. Bakhtar न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक बुधवार, 23 मार्च को शिक्षा मंत्रालय ने कहा कि इस्लामिक कानून और अफगानी रवायत के मुताबिक एक प्लान जब तक नहीं तैयार हो जाता है, लड़कियों के लिए स्कूल बंद रहेंगे.

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अल जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक जारी की गई नोटिस में कहा गया है कि सभी गर्ल्स हाई स्कूलों और उन स्कूलों को सूचित किया जाता है कि जिन स्कूलों क्लास 6 से ऊपर की छात्राएं हैं वो अगले आदेश तक बंद रहेंगे.

एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक तालिबान के प्रवक्ता इनामुल्ला समांगानी ने इस खबर की पुष्टि की है.

रिपोर्ट्स के मुताबिक लंदन में एक अफगान राजनेता और पत्रकार शुक्रिया बराकजई ने कहा कहा कि यह बहुत ही निराशाजनक है कि जो लड़कियां इस दिन का इंतजार कर रही थीं, वो अब स्कूल नहीं जा सकती हैं. इस फैसले से यह पता चलता है कि तालिबानी यकीन करने लायक नही हैं और वे अपने वादों को नहीं पूरा कर सकते हैं.

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आइए जानते हैं कि तालिबान द्वारा लिए गए इस फैसले के पीछे कौन सी वजहे हैं.

टीचर्स की कमी

अफगानिस्तान के शिक्षा मंत्रालय ने इस बात को स्वीकार किया कि अधिकारियों को शिक्षकों की कमी का सामना करना पड़ रहा है. राष्ट्रपति अशरफ गनी की सरकार के गिरने और तालिबान के सत्ता में आने के बाद देश छोड़कर भाग गए हजारों लोगों में कई टीचर्स भी चले गए.

शिक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि हमें हजारों टीचर्स की जरूरत है और इस समस्या को हल करने के लिए हम अस्थायी आधार पर नए शिक्षकों को नियुक्त करने की कोशिश कर रहे हैं.

शिक्षा मंत्रालय ने पिछले हफ्ते ऐलान किया था कि लड़कियों सहित सभी स्टूडेंट्स के लिए बुधवार, 23 मार्च को देश भर में स्कूल खुलेंगे.

सरकार द्वारा लिए गए फैसले के बाद एक स्टूडेंट ने कहा कि हम सभी पूरी तरह से निराश हो गए जब प्रिंसिपल ने हमें बताया कि स्कूल अभी नही खुलेंगे. वह भी रो रही थी.

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अफगानिस्तान में फीमेल एजुकेशन की स्थिति

पिछली बार 1996 से 2001 तक तालिबान ने अफगानिस्तान पर शासन किया था, तो फीमेल एजुकेशन और ज्यादातर महिला रोजगार पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. लेकिन पिछले साल अगस्त में सत्ता में वापसी करने के बाद तालिबान ने लड़कियों की शिक्षा और रोजगार के अवसरों का वादा किया था.

अब देश के कई देशों ने तालिबान सरकार की मान्यता के लिए लड़कियों के एजुकेशन को एक प्रमुख मांग बना दिया है.

संयुक्त राष्ट्र के एंबेस्डर डेबोरा लियोन ने स्कूल बंद करने के फैसले को परेशान करने वाला बताया. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि इसकी क्या वजह है.

एनआरसी के महासचिव जान एगलैंड ने बुधवार, 23 मार्च को एक बयान में कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि तालिबान सरकार पूरे देश में सभी लड़कियों और लड़कों के लिए फिर से स्कूल-कॉलेज खोलेगी, जैसा कि सरकार द्वारा आश्वासन दिया गया था.

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जब तालिबान ने पिछले अगस्त में सत्ता संभाली थी, तब कोरोना महामारी की वजह से स्कूल बंद थे, लेकिन केवल लड़कों और छोटी लड़कियों को ही दो महीने बाद कक्षाएं फिर से शुरू करने की अनुमति दी गई थी.

कंधार की 20 साल की हीला हया ने कहा कि जिन लड़कियों ने अपनी शिक्षा पूरी कर ली है, वे घर पर बैठी हैं और उनका मुस्तकबिल अंधेरे में है. उन्होंने कहा कि हमारे फ्यूचर का क्या होगा.

ह्यूमन राइट्स वॉच ने लड़कियों की अपनी शिक्षा लागू करने के लिए दिए जाने वाले कुछ अवसरों का मुद्दा भी उठाया.

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