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America:ट्रक में मिली 46 अप्रवासियों की लाश,अमेरिका में यह कितना बड़ा मुद्दा है?

टेक्सास के गवर्नर ग्रेग एबॉट ने मौतों के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की खुली सीमा नीति को जिम्मेदार ठहराया है.

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अमेरिका (United States) से एक ऐसी घटना सामने आई है, जिसे सुनकर सभी के होश उड़ गए हैं. सैन एंटोनियो फायर चीफ के हवाले से समाचार एजेंसी एपी ने बताया कि सोमवार, 27 जून को टेक्सास के सैन एंटोनियो में एक ट्रैक्टर-ट्रेलर के अंदर कम से कम 46 लोग मृत पाए गए हैं. ये सभी अप्रवासी थे और शुरुआत में ये अप्रवासी तस्करी का मामला लग रहा है.

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समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने दमकल विभाग के हवाले से बताया कि ट्रक के अंदर पाए गए 16 अन्य लोगों को हीट स्ट्रोक के इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया. इनमें चार नाबालिग भी शामिल हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि घटना को लेकर तीन लोग हिरासत में लिए गए हैं.

सैन एंटोनियो के केसैट टेलीविजन ने स्थानीय पुलिस सूत्रों का हवाला देते हुए बताया कि ट्रक शहर के बाहर एक दूर-दराज इलाके में रेल की पटरियों के पास पाया गया था.

टेक्सास के गवर्नर ने बाइडेन की नीतियों पर उठाए सवाल

टेक्सास के गवर्नर ग्रेग एबॉट ने मौतों का दोष अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की नीतियों पर डालते हुए कहा, "ये उनकी खुली सीमा नीतियों का घातक परिणाम है"

हाल ही में भारतीय प्रवासियों की भी हुई थी मौत

अमेरिका में प्रवासियों की मौत का ये पहला मामला नहीं है. इसी साल जनवरी में अमेरिका-कनाडा सीमा के पास 4 भारतीय प्रवासियों की मौत हो गई थी, जिसमें एक बच्चा भी शामिल था. रिपोर्ट्स के अनुसार इसमें भारतीयों की मौत ठंड से जमने के कारण हुई थी. इसपर भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दुख जताते हुए अमेरिका और कनाडा के भारतीय राजदूतों से तत्काल कदम उठाने के लिए कहा था.

इससे पहले जुलाई 2017 में भी, सैन एंटोनियो पुलिस ने वॉल-मार्ट पार्किंग में दस प्रवासियों को ट्रैक्टर-ट्रेलर में मृत पाया गया था. ड्राइवर जेम्स मैथ्यू ब्रैडली जूनियर को इसमें भूमिका के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी.

अमेरिका में अप्रवास की समस्या

अप्रवास दशकों से अमेरिकी राजनीतिक में बहस का मुद्दा रहा है. अमेरिका में आए दिन सांसद अप्रवासियों को लेकर आर्थिक, सुरक्षा और मानवीय चिंताओं पर बहस करते रहते हैं. अमेरिकी कांग्रेस सालों से अप्रवास समस्याओं का हल निकालने में नाकाम रही है.

पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अमेरिका में प्रवास पर रोक लगाने और शरण नीति को फिर से बदलने की कोशिश की थी. इन मुद्दों पर काफी चर्चाएं भी हुईं, लेकिन राष्ट्रपति जो बाइडेन ने ट्रम्प के कामों को उलटते हुए अप्रवासियों के प्रति नरम नीति अपनाई और व्यवस्था में सुधार लाने की बात कही.

आज हालत ये है कि जनगणना ब्यूरो के अनुसार, अमेरिका में आप्रवासियों की आबादी कुल आबादी का करीब 14 प्रतिशत हो गई है. 2019 में कुल 328 मिलियन में से करीब 45 मिलियन लोग आप्रवासी थे. साथ में, अप्रवासी और उनके यूएस में जन्मे उनके बच्चों को मिला लिया जाए तो ये करीब 26 प्रतिशत के बराबर है. अमेरिका ने 2021 में 407,071 H-1B वीजा को मंजूरी दी और उनमें से 301,616 यानी लगभग 74.1 प्रतिशत केवल भारतीय कामगारों के लिए थे.

अमेरिका में प्रवासियों की बढ़ती संख्या को वहां के मूल निवासी अपनी संस्कृति के लिए खतरा मानते हैं. भारत से भी H1-B वीजा के तहत अमेरिका जाने वाले लोगो की एक भारी संख्या है. इसलिए अमेरिका में अप्रवास से जुड़ा हर मुद्दा भारत को भी प्रभावित करता है.

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