बांग्लादेश की राजधानी ढाका में रासायनिक गोदामों के रूप में इस्तेमाल होने वाली कई बिल्डिंग में बुधवार रात भयंकर आग लग गई. इस हादसे में कम से कम 70 लोगों के मारे जानी की खबर है. वहीं कई लोग घायल भी हैं.
दमकल अधिकारियों ने बताया कि ढाका के पुराने इलाके चौकबाजार में एक मस्जिद के पीछे हाजी वाहिद मैंशन नाम की चार मंजिला इमारत के ग्राउंड फ्लोर पर रासायनिक गोदाम में आग लगी. आग इतनी तेज थी कि तेजी से आसपास की इमारतों को भी चपेट में ले लिया.
ढाका साउथ के मेयर सईद खोकोन ने बताया, आग पर काबू पा लिया गया है. दमकल अधिकारियों के मुताबिक, आग से अब तक 70 लोगों की मौत हो चुकी है. इससे पहले दमकल सेवा नियंत्रण कक्ष के प्रवक्ता कमरूल अहसान ने मरनेवालों की संख्या 81 बताई थी.
सरकारी ढाका मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के निदेशक ब्रिगेडियर जनरल एकेएम नसीरूद्दीन ने हालांकि आशंका जताई कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है क्योंकि कई लोगों की हालत गंभीर है जिनका बर्न यूनिट में इलाज चल रहा है. खोकोन ने करीब 14 घंटे की कोशिश के बाद दोपहर 12 बज कर दस मिनट पर बचाव अभियान बंद कर दिया. 37 दमकल वाहनों और 200 दमकल कर्मियों की मदद से आग बुझाई गई. संकरी गलियां होने की वजह से दमकल वाहनों को मौके तक पहुंचने में दिक्कत हुई.
आग लगने की क्या है वजह
बांग्लादेश दमकल सेवा के प्रमुख अली अहमद ने बताया कि ढाका के पुराने इलाके चौकबाजार में आग गैस सिलेंडर से लगी होगी, जिसके बाद वो तेजी से पूरी इमारत में फैल गई जहां ज्वलनशील पदार्थों का भंडार था.
उन्होंने कहा, ‘‘आग की लपटें उससे जुड़ी चार इमारतों तक भी फैल गई. इनका रासायनिक गोदामों के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है. जब आग लगी तब ट्रैफिक जाम लगा हुआ था इसलिए लोग भाग नहीं पाए.’’
बता दें, साल 2010 में ढाका की एक पुरानी इमारत में आग की ऐसी ही घटना में 120 से ज्यादा लोग मारे गए थे. इसे बांग्लादेश में आग लगने की सबसे खतरनाक घटना बताया जाता है. इससे जन आक्रोश पैदा हुआ था और लोगों ने रासायनिक गोदामों और भंडारों को इलाके से निकलने की मांग की थी लेकिन पिछले नौ सालों में इस दिशा में कुछ खास नहीं हुआ.
देश में 2013 में भी ढाका में कपड़ा फैक्ट्रियों वाली एक इमारत के गिरने से 1100 लोगों की मौत हो गई थी.
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