गुरुवार, 17 मार्च को बांग्लादेश (Bangladesh) के ढाका में लगभग 200 लोगों की भीड़ ने कथित तौर पर इस्कॉन राधाकांता मंदिर में तोड़फोड़ की है. यह घटना देश में धार्मिक स्थलों पर सिलसिलेवार हमलों के कुछ महीने बाद सामने आई है. ISKCON कोलकाता के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि ये हमले गंभीर चिंता का विषय हैं. गुरुवार शाम, जब श्रृद्धालु गौर पूर्णिमा उत्सव की तैयारी कर रहे थे, 200 लोगों की भीड़ ने ढाका की श्री राधाकांता मंदिर के परिसर में प्रवेश किया और उस पर हमला किया.
रिपोर्ट्स के मुताबिक उनमें से तीन श्रृद्धालु हाथापाई में घायल हो गए. उसके बाद उन्होंने पुलिस को बुलाया तब मामला शांत हुआ.
श्रृद्धालुओं ने बांग्लादेश सरकार से इस घटना में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की गुजारिश की है.
उन्होंने कहा कि हम बांग्लादेश सरकार से गुजारिश करते हैं कि यहां के हिंदू अल्पसंख्यकों को सुरक्षा मुहैया कराई जाए. बता दें कि पिछले साल मंदिरों में तोड़फोड़ और हमलों की घटनाओं के बाद बांग्लादेश में तनाव की स्थिति पैदा हो गई थी. अक्टूबर 2021 के दौरान नोआखली में एक ISKCON मंदिर में तोड़फोड़ की गई थी और इस दौरान एक व्यक्ति की मौत हो गई थी. बांग्लादेश में एक में कुरान को अपवित्र करने के आरोप में एक दुर्गा पूजा मंडप में तीन और लोग मारे गए थे.
इस तरह की बर्बरता और हमलों की अधिक रिपोर्ट आने के बाद, भारत सरकार ने कहा था कि वह ढाका में और स्थानीय स्तर पर अधिकारियों के साथ संपर्क में थे और बांग्लादेश ने इस तरह की घटनाओं पर नियंत्रण स्थापित करने के लिए तुरंत प्रतिक्रिया दी.
कुछ दिनों बाद समाचार एजेंसी पीटीआई ने बांग्लादेश में पुलिस को यह कहते हुए रिपोर्ट किया कि उन्होंने 30 साल के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जिसके बारे में उन्होंने कहा कि वह मंदिर के कुछ हमलों में एक प्रमुख संदिग्ध था. सरकार ने हिंदुओं और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने वालों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करने का वादा किया था.
हमलों के बाद के दिनों में हजारों बांग्लादेशियों ने देश में हिंदू समुदाय के समर्थन में विरोध प्रदर्शन किया.
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