मामला 22 साल पहले का है, लेकिन 8000 लोगों की निर्मम हत्या जिस तरह के की गई वो बहुत तरीका बहुत दिल दहलाने वाला है. संयुक्त राष्ट्र के युद्ध अपराध ट्रिब्यूनल ने यूरोप के इस सबसे बड़े नरसंहार के दोषी राटको म्लादिक को युद्ध अपराधों के लिए उम्र कैद की सजा दी है. म्लादिक बोस्निया के सर्ब लड़ाकों का कमांडर था जो योजना बनाकर 8000 लोगों की हत्या की. वैसे 1992 से 1995 के बीच तीन साल चले युद्ध में लाखों लोग मारे गए. लेकिन युद्धविराम होने के बाद म्लादिक ने संयुक्त राष्ट्र के सुरक्षित इलाकों में घुसकर अपने सैनिकों के साथ 8000 से ज्यादा मुस्लिम पुरुषों और लड़कों का कत्ल किया. मारे गए लोगों के रिश्तेदार खासतौर पर महिलाओं ने उन भयानक दिनों की दस्तान सुनाई वो हर किसी के जेहन में सिहरन पैदा कर देती है..
हजारों लोगों को कैसे कत्ल किया गया
बात 22 साल पहले की है. 11 जुलाई 1995 बोस्निया में गृहयुद्ध छिड़े तीन साल हो चुके थे. इस युद्ध में अब संयुक्त राष्ट्र का दखल हो चुका था. सभी पक्षों के बीच सुलह की कोशिशें चल रही थीं. लेकिन सर्बियाई जनरल राटको म्लादिक एक अलग भयानक हत्याकांड की योजना बना रहा था.
बोस्निया के सर्ब आतंकवादियों ने स्रेब्रेनिका शहर में हमला कर दिया. इस शहर को संयुक्त राष्ट्र की फौजों ने सुरक्षित क्षेत्र घोषित कर रखा था.
स्रेब्रेनिका में हजारों मुस्लिम परिवारों ने पनाह ले रखी थी, उन्हें यकीन था कि संयुक्त राष्ट्र की निगरानी की वजह से यहां कोई खतरा नहीं है. लेकिन उन्हें क्या मालूम था कि इतना बड़ा हादसा भी हो सकता है.
क्या था बोस्निया का झगड़ा
1992 में यूगोस्लाविया के बिखरने के साथ ही युद्ध शुरू हो गया. यूगोस्लाविया अलग अलग जाति समूह के 7 हिस्सों में बंट गया था. ये सभी समूह अपने अपने लिए ज्यादा से ज्यादा जमीन हासिल करने के लिए लड़ रहे थे. तीन साल चले युद्ध में करीब 1 लाख लोग मारे गए. 22 लाख से ज्यादा विस्थापित हो गए.
बोस्निया मिश्रित इलाका था, यहां मुसलमानों के अलावा क्रोएशियाई और सर्बियाई लोगों की बड़ी आबादी थी.
लेकिन सबसे ज्यादा कीमत बोस्निया के लोगों ने चुकाई. मुस्लिम बहुल बोस्निया भी सर्बिया से मिलने के बजाए अलग देश की मांग पर अड़ा था. लेकिन वहां मौजूदा सर्बों की बड़ी आबादी सर्बिया से मिलना चाहती थी.
बोस्निया में वो भयानक साजिश
कैम्प और घरों से मर्दों को चुन चुनकर निकाला गया
मुस्लिमों को हटाने के लिए एक भयानक साजिश रची गई. सर्बिया के उस वक्त के राष्ट्रपति स्लोबोदान मिलोचिविक और दूसरे सर्बियाई कमांडरों ने बोस्निया की मुस्लिम आबादी को पूरी तरह खत्म करने का प्लान बना लिया, ताकि सभी सर्बियाई लोगों को मिलाकर ग्रेटर सर्बिया बनाया जा सके.
बोस्निया का ज्यादा से ज्यादा हिस्सा सर्बिया को मिले इसलिए सर्बिया के उस वक्त के राष्ट्रपति मिलोसेविक, कमांडर कारादजिक और बोस्निया के सर्ब लड़ाकों के लीडर राटको म्लादिक ने भयंकर योजना बनाई कि वहां की बाकी नस्लों को खत्म कर दिया जाए.
बोस्निया के सर्ब लड़ाकों के एक स्पेशल फोर्स का कमांडर राटको म्लादिक ने इस हत्या का भयानक षड़यंत्र रचा. म्लादिक को उस वक्त के यूगोस्लावियाई राष्ट्रपति स्लोबोदान मिलोचिविक और बोस्नियाई सर्बों का लीडर रादोवन कारादजिक का का पूरा वरदहस्त था, जो युद्ध अपराधों के लिए 40 साल की सजा भुगत रहे है.
मर्दों को चुन चुनकर निकाला गया
इन लोगों ने चुन चुनकर मुस्लिम परिवारों से पुरुषों को अलग निकाला. इन सभी लोगों को आसपास के खेतों, मैदानों और गोदामों में ले जाया गया. फिर तीन दिनों तक चले भयंकर नरसंहार में सभी की हत्या कर दी गई.
दूसरे विश्वयुद्ध के बाद ये यूरोप का सबसे बड़ा सामूहिक नरसंहार को अंजाम देने वाले म्लादिक को अपने किए पर कोई अफसोस नहीं रहा.
नरसंहार करने से पहले ठहाके लगा रहा म्लादिक
चश्मदीद बताते हैं कि हत्याकांड को अंजाम देने से पहले म्लादिक को ठहाके लगाते और अपने सैनिकों को चॉकलेट बांटते देखा.
सर्बिया की फौजों ने सभी मुस्लिम महिलाओं और बच्चों को अलग कर दिया. सभी पुरुषों को पास के खेतों, गोदामों और सुनसान इलाकों में ले जाया गया.
म्लाडिक ने अपने हथियारबंद साथियों को वायरलैस के जरिए यही कहा.. इधर उधर गोली मत चलाओ सिर्फ इंसानों को निशाना बनाओ, उनके पास कुछ नहीं है. उसके सैनिकों ने इस आदेश का पालन किया
हजारों अभी भी लापता
22 साल बाद भी मारे गए सैकड़ों लोगों के शव अभी भी नहीं मिल पाए हैं. बोस्नियाई सरकार के कर्मचारी अभी भी इसमें लगे हुए हैं.
एजेंसियों के मुताबिक स्रेब्रेनिका में सामूहिक कब्रों में कई जगह 17000 मानव अंगों के हिस्से मिले थे जिनमें 6930 की पहचान हो पाई है.
कैसे पकड़ा गया हत्यारा
सर्बिया सरकार ने म्लादिक को बचाने की बहुत कोशिश की. उसे छिपाकर रखा गया. लेकिन अंतरराष्ट्रीय दबाव में उन्हें झुकना पड़ा. मई 2011 में म्लादिक को गिरफ्तार किया गया. संयुक्त राष्ट्र के युद्ध अपराध ट्रिब्यूनल में 6 साल मामला चला अब जाकर 74 साल के म्लादिक को सजा मिली. उसका बाकी जीवन अब जेल में ही कटेगा.
सर्ब कमांडर राटको म्लाडिक ने सोचा था कि इस कांड का पता कभी नहीं चल पाएगा. जानकारों के मुताबिक ब्रिटेन और अमेरिका जैसे नाटो देशों को इस हत्याकांड के जानकारी मिल गई थी लेकिन उन्होंने कार्रवाई करने में देरी की.
सजा मिलने के बाद भी म्लादिक अपनी गलती मानने को तैयार नहीं है. उसने इस कोर्ट के फैसले को शैतान का फैसला करार दिया. 1994 में उसकी बेटी ने पिता की कारगुजारियों की वजह से आत्महत्या कर ली थी.
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