पाकिस्तान में एक पिता के सामने उसकी बच्ची के रेपिस्ट को फांसी दी गई. यह शख्स सीरियल किलर था और इसने पाकिस्तान में कई छोटी बच्चियों का रेप कर उनकी हत्या कर दी थी. इन बलात्कारों पर पाकिस्तान में व्यापक प्रदर्शन हुए थे और उसके बाद बलात्कारी को नौ महीने चले मुकदमे के बाद लाहौर जेल में फांसी दे दी गई.
सात साल की बच्ची से बलात्कार का था दोषी
आतंकवाद रोधी एक अदालत ने सात साल की मासूम बच्ची से बलात्कार और उसकी हत्या के मामले में उसे दोषी ठहराते हुए मौत की सजा सुनाई थी. इस घटना के खिलाफ इस साल की शुरुआत में समूचे पाकिस्तान में हिंसक प्रदर्शन हुए थे.
लाहौर से करीब 50 किमी दूर स्थित कसूर शहर में एक बच्ची से बलात्कार और उसकी हत्या के मामले में इमरान अली (24) को दोषी ठहराया गया था. उसे सुबह साढ़े पांच बजे कोट लखपत जेल में मृतका के पिता अमीन अंसारी और मजिस्ट्रेट आदिल सरवर की मौजूदगी में फांसी दे दी गई. कसूर निवासी इमरान बलात्कार के बाद हत्या करने के कम से कम नौ मामलों में आरोपी था. अदालत ने पांच मामलों में अपना फैसला सुनाया था.
बलात्कारी ने कहा था, पोर्नोग्राफी देखने के बाद यौन हिंसा करने लगा था
बलात्कारी इमरान ने पुलिस को बताया था कि चाइल्ड पोर्नोग्राफी देखने के बाद वह इस तरह की घटनाओं को अंजाम देने का आदी हो गया था. पुलिस ने जनवरी में उसे गिरफ्तार किया था. बच्ची से बलात्कार और हत्या को लेकर उसे फरवरी में मौत की सजा सुनाई गई थी फैसले के खिलाफ उसकी अपील नाकाम रही थी और इस महीने की शुरूआत में राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने उसकी दया याचिका खारिज कर दी थी.
वहीं, लाहौर उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सरदार शमीम अहमद और न्यायमूर्ति शाहबाज रिजवी की दो सदस्यीय पीठ ने मंगलवार को लड़की के पिता की वह याचिका खारिज कर दी, जिसके जरिए उन्होंने दोषी को सरेआम फांसी देने की मांग की थी.
बच्ची के पिता ने कहा कि फांसी को टीवी पर दिखाना चाहिए था
बच्ची के पिता ने कहा कि वह अपने सामने अपनी बच्चे के बलात्कारी और हत्यारे के मरते देख संतुष्ट है. उसने रोते हुएे पत्रकारों को रोते हुए बताया कि उनकी बेटी के साथ अगर यह सब नहीं हुआ होता तो आज वह सात साल दो महीने की होती. उसने कहा, ‘इस फांसी को टीवी पर प्रसारित किया जाना चाहिए था. इससे बड़ा संदेश जाता. लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. बच्ची के पिता ने अदालत में याचिका भी दायर की थी कि आरोपी को चौराहे पर फांसी दी जाए. लेकिन कोर्ट ने उनकी इस अपील को ख़ारिज कर दिया था.
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