चीन के वुहान से शुरू हुआ कोरोना वायरस संक्रमण इस समय दुनिया के लगभग सभी देशों में फैल चुका है. चीन में इस समय मामलों की कुल संख्या 82,000 से ज्यादा है. हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि ये आंकड़ा कम है और चीन में संक्रमित लोगों की तादाद ज्यादा है. अब एक स्टडी में पता चला है कि चीन में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या आधिकारिक आंकड़ों की चार गुना तक हो सकती है.
हॉन्गकॉन्ग यूनिवर्सिटी के पब्लिक हेल्थ स्कूल के रिसर्चर्स ने 20 फरवरी तक चीन में 232,000 कोरोना वायरस के मामले होने का अनुमान लगाया है. इस तारीख तक चीन में आधिकारिक आंकड़ा 55,508 था. इस स्टडी के नतीजे 'द लांसेट' में छपे हैं.
रिसर्चर्स का दावा है कि अगर चीन में COVID-19 की केस डेफिनिशन एक बड़े दायरे में इस्तेमाल की जाती, तो कोरोना वायरस मामलों का नंबर अलग होता.
क्या होती है केस डेफिनिशन?
एपिडिमियोलॉजी में केस डेफिनिशन उन तय मानदंडों को कहा जाता है, जिसके इस्तेमाल से ये फैसला लिया जाता है कि एक शख्स को बीमारी है या नहीं. एपिडिमियोलॉजी किसी बीमारी के फैलने के तरीके और पैटर्न की स्टडी को कहते हैं. जनसंख्या में बीमारी के फैलाव का अनुमान लगाने के लिए केस डेफिनिशन का तय होना जरूरी होता है. केस डेफिनिशन का इस्तेमाल पब्लिक हेल्थ सर्विलांस के लिए किया जाता है.
हॉन्गकॉन्ग यूनिवर्सिटी की स्टडी में कहा गया कि किसी नई बीमारी के समय कई केस डेफिनिशन की एक हायरार्की बनाई जा सकती है. इसकी मदद से संदिग्ध और कंफर्म केस को सही तरीके से तय किया जा सकता है.
स्टडी में सात केस डेफिनिशन का आकलन
रिसर्चर्स ने 15 जनवरी से 3 मार्च के बीच चीन में सात अलग-अलग केस डेफिनिशन का आकलन किया. स्टडी के मुताबिक, शुरुआत में केस डेफिनिशन का दायरा काफी कम था और काफी बाद में इस केस डेफिनिशन में वुहान से संबंधित न होने वाले मामले जोड़े गए.
स्टडी में जिस आंकड़े का दावा किया गया है, वो चीन की पांचवी केस डेफिनिशन के आधार पर है. स्टडी में कहा गया कि अगर चीन में ये केस डेफिनिशन कोरोना वायरस महामारी की शुरुआत से इस्तेमाल की जाती तो 20 फरवरी तक 232 000 मामले होते.
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