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मोदी-जिनपिंग के बीच न मसूद अजहर पर बात, न किसी समझौते पर दस्‍तखत

नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की वुहान में होने वाली बातचीत किसी खास मुद्दे पर आधारित नहीं होगी

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चीन ने संकेत दिए हैं राष्ट्रपति शी-जिनपिंग और भारत के पीएम नरेंद्र मोदी के बीच मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित करने के मामले में बातचीत की गुंजाइश नहीं है. सूत्रों के मुताबिक मोदी-जिनपिंग के बीच शिखर वार्ता ऐसा मंच नहीं है जहां दोनों नेता पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए- मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर पर संयुक्त राष्ट्र की ओर से पाबंदी लगाए जाने जैसे मुद्दों पर चर्चा करें.

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वुहान में बातचीत किसी खास मुद्दे पर नहीं

आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की वुहान में होने वाली बातचीत किसी खास मुद्दे पर आधारित नहीं होगी. यह शिखर वार्ता भारत-चीन के व्यापक संदर्भ में होगी. आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक शी औैर मोदी के बीच 27-28 अप्रैल के मध्य वुहान में अनौपचारिक शिखर वार्ता होगी ताकि दोनों देशों के संबंध सुधरें और परस्पर चिंता के वैश्विक मुद्दों पर चर्चा हो.

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किसी समझौते पर दस्तख्त नहीं होगा

चीन मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित कराने की भारत की कोशिश में अड़ंगा लगाता रहा है. सूत्रों ने बताया कि दोनों नेता खुले मन से चर्चा करेंगे और किसी समझौते पर दस्तखत होने की संभावना नहीं है. अनौपचारिक शिखर वार्ता की जगह पर अधिकारियों की मौजूदगी बहुत कम रखी जाएगी.

नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की वुहान में होने वाली बातचीत किसी खास मुद्दे पर आधारित नहीं होगी
मोदी और जिनपिंग भारत-चीन के बीच संबंधों की संवेदनशीलता को समझते हैं
(फोटो: Twitter/Saandiip P Nayak‏)

आधिकारिक सूत्रों ने यहां बताया कि दोनों नेता मुख्यत: अनुवादकों की मौजूदगी में एक-दूसरे से मुखातिब होंगे. मोदी 26 अप्रैल की शाम को वुहान आएंगे और अगले दिन शी के साथ अनौपचारिक वार्ता करेंगे. उनकी वार्ता 28 अप्रैल की दोपहर तक जारी रहने की संभावना है. इसके बाद प्रधानमंत्री लौट जाएंगे.

वर्ष 2014 में सत्ता में आने के बाद मोदी की यह चौथी चीन यात्रा होगी. वह 9 और 10 जून को क्विंगदाओ शहर में होने जा रहे एससीओ शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए भी चीन जाने वाले हैं. मोदी और शी की शिखर बैठक से पहले दोनों देशों के बीच उच्च स्तरीय संवाद की श्रृंखला संपन्न हो चुकी है. इसकी शुरुआत पिछले साल दिसंबर में चीनी विदेश मंत्री वांग की भारत यात्रा से हुई थी. डोकलाम गतिरोध के बाद दोनों देशों के बीच यह पहला उच्च स्तरीय संवाद था.

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