अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की धमकी पाक के सदाबहार दोस्त चीन को नागवार गुजरी है. चीन ने कहा है कि आतंक के सवाल पर अमेरिका पाक को कटघरे में खड़ा कर रहा है. चीन अमेरिका के इस रुख के खिलाफ है.
‘आतंक रोकना किसी एक देश की जिम्मेदारी नहीं’
चीन ने कहा कि पाकिस्तान आतंकियों को पनाह दे रहा है लेकिन आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई की जिम्मेदारी किसी एक देश के कंधे पर नहीं डाली जा सकती.
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लु कांग ने कहा कि चीन किसी खास देश को आतंकवाद से जोड़ने के खिलाफ रहा है. किसी एक देश पर आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई की जिम्मेदारी नहीं डाली जा सकती. दुनिया के देशों को एक दूसरे पर अंगुली उठाने के बजाय आतंक के खिलाफ सहयोग को मजबूत करना चाहिए.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से पाकिस्तान की आलोचना बढ़ने के साथ ही चीन खुल कर अपने सदबहार दोस्त के पक्ष में आ गया है. ट्रंप ने पिछले सप्ताह नए साल की शुरुआत पर ट्वीट कर कहा था कि पिछले 15 साल में अमेरिका पाकिस्तान को 33 अरब डॉलर दे चुका है लेकिन आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई के मामले में उसे झूठ और फरेब ही मिला है. उसने पाकिस्तान को दी जाने वाली 2 अरब डॉलर की सहायता भी रोक दी है.
‘ट्रंप की धमकी से सीपीईसी को लेकर चिंता बढ़ी’
चीनी मीडिया का कहना है कि पाकिस्तान को ट्रंप की धमकी से चीन उसके और करीब आ सकता है क्योंकि वह सीपीईसी परियोजनाओं के तहत पाकिस्तान में 50 अरब डॉलर का निवेश कर . पाकिस्तान के खिलाफ कोई भी अमेरिकी कार्रवाई इन परियोजनाओं में चीनी हितों को प्रभावित कर सकती है.
चीन ने पाकिस्तान का बचाव करते हुए कहा कि आतंकवाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय का साझा दुश्मन है. चीन उन देशों के साथ है जो सही और पारदर्शी तरीके से आतंक के खिलाफ कदम उठा रहे हैं. पाकिस्तान ने आतंक के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है.
इनपुटः पीटीआई
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