दुनियाभर में कोरोनावायरस (COVID-19) का संक्रमण लगातार फैलता जा रहा है. भारत समेत दुनिया के लगभग 200 देशों में इस वायरस का कहर बरपा हुआ है. अब तक 33 हजार से ज्यादा लोगों की इसके कारण मौत हो चुकी है, जबकि 7 लाख से ज्यादा लोग इससे संक्रमित हैं. इस बीमारी का सबसे बुरा असर यूरोप में पड़ा है, जहां महाद्वीप के ज्यादातर देश इसकी चपेट में हैं और 20,000 से भी ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.
चीन में शुरू, इटली में कहर
दिसंबर 2019 में चीन के वुहान शहर में सबसे पहले इस वायरस का संक्रमण शुरू हुआ था. वहां से जनवरी और फरवरी में ये यूरोप समेत दुनिया के बाकी देशों में भी फैलने लगा. इस वायरस ने मार्च के महीने में अपना सबसे खतरनाक रूप दिखाया और ज्यादातर देशों में इसका फैलाव हुआ और सबसे ज्यादा जानें पिछले करीब 10 दिनों में गई हैं.
चीन में इस वायरस ने 3,000 से ज्यादा जानें लीं, लेकिन इसने सबसे ज्यादा चोट पहुंचाई इटली को, जहां 10,000 से ज्यादा लोग इसके कारण अपनी जान गंवा चुके हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन इसे वैश्विक महामारी घोषित कर चुका है.
इस बीमारी के फैलने के कारण दुनिया के कई देश पूरी तरह लॉकडाउन में हैं. अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ा है और ओलंपिक समेत कई बड़े खेल आयोजन या तो स्थगित हो गए हैं या रद्द हो गए हैं.
COVID-19: सबसे ज्यादा प्रभावित 10 देश
अब तक 7 देशों में इस वायरस के कारण 1,000 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है. वहीं अमेरिका में सबसे ज्यादा 1 लाख से ऊपर संक्रमित केस पाए गए हैं.
इन देशों में कोरोनावायरस का सबसे ज्यादा असर हुआ-
- इटली - 10,779 मौत (97,689 केस)
- स्पेन - 6,606 मौत (78,799 केस)
- चीन - 3,300 मौत, (81,439 केस)
- ईरान - 2,640 मौत (38,309 केस)
- फ्रांस - 2,606 मौत, (40,174 केस)
- अमेरिका - 2,363 मौत (133,094)
- ब्रिटेन - 1,228 मौत, (19,522 केस)
- नीदरलैंड्स - 771 मौत, (10,866 केस)
- जर्मनी - 482 मौत, (60,659 केस)
- बेल्जियम - 431 मौत (10,836 केस)
भारत में भी 1,000 के पार मामले
भारत में भी इस बीमारी का असर बढ़ता जा रहा है. देश में रविवार 29 मार्च तक इस बीमारी के कारण 1,024 लोग संक्रमित पाए गए. इनमें से 27 की अब तक मौत हो चुकी है, जबकि अभी भी 901 लोग संक्रमित हैं.
देश में 24 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 दिन के देशव्यापी लॉकडाउन का ऐलान किया था, जिसके बाद पूरे देश में हवा से लेकर जमीन में ट्रेन, बस, ऑटो जैसे सभी तरह के परिवहन 14 अप्रैल तक बंद हो गए.
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