अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में हस्तक्षेप के आरोप से रूस को मुक्त कर दिया है. ट्रंप ने कहा है कि इस मामले में रूस पर शक करने की कोई वजह नहीं है.
ट्रंप ने रूसी राष्ट्रपति ब्लादीमिर पुतिन से अपनी शिखर बैठक में 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में दखल देने के आरोप में रूस को पूरी तरह क्लीन चिट दे दी. उन्होंने कहा, रूस पर शक करने की कोई वजह नहीं है और वह मानते हैं रूसी राष्ट्रपति इन आरोपों से पूरी ताकत से इनकार कर सकते हैं.
ट्रंप का यह बयान अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में दखल देने के आरोप में 12 रूसी एजेंटों के खिलाफ अभियोग दर्ज करने के एक दिन बाद आया है. उन पर डेमोक्रेटिक पार्टी के डॉक्यूमेंट चुराने के आरोप में अभियोग लगाया गया था. ट्रंप ने इस मुद्दे पर रूस को क्लीन चिट तो दे ही साथ ही यूक्रेन और सीरिया का मुद्दा भी नहीं उठाया.
इससे पहले, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति ब्लादीमिर पुतिन के बीच पहली शिखर वार्ता फि़नलैंड की राजधानी हेलसिंकी में शुरू हुई. इसमें ट्रंप ने रूस के साथ असाधारण दोस्ती कायम करने का वादा किया. अपनी शुरूआती बातचीत में उन्होंने अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में कथित रूसी दखल के बारे में कोई बातचीत नहीं की.
फिनलैंड के प्रेसिडेंशियल पैलेस में इस मुलाकात के बाद बातचीत में ट्रंप ने कहा, साफ कहें तो अमेरिका औैर रूस में पिछले कई सालों से अच्छे संबंध नहीं रहे हैं. लेकिन मेरा मानना है कि दुनिया के लोग दोनों के बीच दोस्ताना रिश्ते देखना चाहते हैं. पुतिन ने कहा कि वह और ट्रंप लगातार संपर्क रहे हैं. फोन पर दोनों की बातचीत होती रही है और अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों में भी दोनों मिलते रहे हैं. वक्त आ गया है कि दोनों देशों के बीच तमाम अंतरराष्ट्रीय समस्याओं और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर बातचीत हो.
ट्रंप ने कहा,रूस से खराब रिश्तों के लिए अमेरिकी नेता दोषी
इससे पहले ट्रंप ने रूस और अमेरिका के बीच रिश्ते खराब होने के लिए अपने ही देश को दोषी ठहराया. उन्होंने न तो रूस की ओर से क्रीमिया को मिला लेने के मामले और न ही अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में कथित रूसी दखल को अमेरिका-रूस रिश्तों में आई गिरावट के लिए दोषी ठहराया.
ट्रंप की पुतिन से मुलाकात ऐसे वक्त में हो रही है जब अमेरिका और यूरोप के रिश्तों में तनाव दिख रहा है और राष्ट्रपति चुनाव में रूसी दखल की जांच पूरे शबाब पर है. अमेरिका में यह कहा जा है कि ट्रंप के इस रवैये से चीन की आक्रामकता पर रोक लगाना मुश्किल है.
ट्रंप ने ट्वीट कर कहा था कि रूस से हमारे रिश्ते इससे पहले कभी इतने खराब नहीं थे. कई सालों तक अमेरिका में मूर्खता चलती रही और अब चुनाव में रूसी दखल को लेकर मूर्खता हो रही है.
ट्रंप और पुतिन की इस मुलाकात को पूरी दुनिया में बड़ी उत्सुकता से देखा जा रहा है. अमेरिकी चुनाव में कथित तौर पर ट्रंप की मदद के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी के चुनाव अभियान में हैकिंग के आरोप में 12 रूसी खुफिया अफसरों पर अभियोग के बाद इस मुलाकात की रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक दोनों पार्टियों के सांसदों ने आलोचना की थी.
ट्रंप और पुतिन के बीच बातचीत के मुद्दे
- रूस-अमेरिका के बीच परमाणु हथियारों की होड़ है लेकिन दोनों देश परमाणु हथियारों की क्षमता और संख्या को सीमित रखने पर बातचीत कर सकते हैं. दोनों देश 1987 में लागू मिसाइल समझौते पर बातचीत कर सकते हैं.
- अमेरिका ने क्रीमिया पर रूस के कब्जे के बाद उसके खिलाफ कई तरह के आर्थिक प्रतिबंध लगाए थे. सीरिया में अमेरिकी गठबंधन सेना के खिलाफ भी रूस के रुख के बाद अमेरिका ने उस पर प्रतिबंध लगाए थे. इसे हल्के तो नहीं किया जा सकता क्योंकि इसे लेकर अमेरिकी संसद में मंजूरी जरूरी है. लेकिन अमेरिका रूस के खिलाफ रुख और कड़ा नहीं करे तो भी यह रूस की सफलता होगी.
- अमरीका यूक्रेन को सैनिक सहायता दे रहा है. यदि इस बातचीत के बाद ट्रंप इसे रोक देते हैं या कम कर देते हैं तो भी यह रूस की सफलता होगी.
- अमेरिका के आजकल अपने यूरोपीय सहयोगियों से तनाव चल रहा है. अगर रूस से कोई समझौता कर ट्रंप इसकी भरपाई करते हैं तो यह उनकी सफलता मानी जाएगी.
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