ADVERTISEMENTREMOVE AD

भारत-पाक निकालें कश्मीर का समाधान, तीसरा पक्ष ना दे दखल: मैक्रों

फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा की.

story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने 22 अगस्त को कहा कि भारत और पाकिस्तान को द्विपक्षीय ढंग से कश्मीर मुद्दे का समाधान निकालना चाहिए. मैक्रों ने कहा कि इस क्षेत्र में किसी तीसरे पक्ष को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए या हिंसा को भड़काना नहीं चाहिए.

राष्ट्रपति मैक्रों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा की. इस बैठक के बाद मैक्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें जम्मू-कश्मीर पर भारत के फैसले से अवगत कराया और यह भी बताया कि यह मामला भारत की संप्रभुता से जुड़ा है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD
फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘मैं कुछ दिनों बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री से भी बात करूंगा और उनसे कहूंगा कि बातचीत द्विपक्षीय होनी चाहिए.’’

इसके अलावा मैक्रों ने बताया कि फ्रांस अगले महीने भारत को 36 राफेल लड़ाकू विमानों में से पहले विमान की सप्लाई कर देगा. मैक्रों के बयान के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और फ्रांस के बीच दोस्ती किसी स्वार्थ पर नहीं टिकी है, बल्कि यह स्वतंत्रता, समानता और भाईचारे के ठोस सिद्धांतों पर आधारित है.

पीएम मोदी ने कहा, ‘‘दोनों देश लगातार आतंकवाद का सामना कर रहे हैं. हमारा इरादा आतंकवाद के खिलाफ सहयोग को व्यापक बनाना है.’’उन्होंने कहा कि फ्रांस और भारत जलवायु परिवर्तन, पर्यावरण और प्रौद्योगिकी समावेशी विकास की चुनौतियों का सामना करने के लिए एक साथ खड़े हैं.

पीएम मोदी ने चेतऊ डी चैन्टिली में मैक्रों के साथ बातचीत शुरू होने से पहले ट्वीट किया, ‘‘ यह यात्रा फ्रांस के नेतृत्व के साथ पहले की गई बातचीत को आगे बढ़ाएगी.’’

चेतऊ डी चैंन्टिली पेरिस से 50 किलोमीटर दूर स्थिति ऐतिहासिक इमारत है. मैक्रों ने पीएम मोदी को इस इमारत की ऐतिहासिक अहमियत के बारे में बताया. दोनों नेताओं ने सीधी बातचीत की, जिसके बाद शिष्टमंडल स्तर की वार्ता हुई.

इससे पहले पीएम मोदी के एयरपोर्ट पहुंचने पर यूरोप और विदेश मामलों के मंत्री जीन येव्स ले ड्रायन ने उनका स्वागत किया. बता दें कि पीएम मोदी इस दो दिवसीय यात्रा के दौरान अपने फ्रांसीसी समकक्ष एडवर्ड फिलिप से भी मुलाकात करेंगे और भारतीय समुदाय से भी बातचीत करेंगे. इसके अलावा वह फ्रांस में 1950 और 1960 के दशकों में एयर इंडिया के दो विमान हादसों में मारे गए पीड़ितों की याद में बनाए गए एक स्मारक स्थल का उद्घाटन भी करेंगे.

ये भी देखें: जनमत, तरीका और नैतिकता- इन 3 पैमानों पर कश्मीर का फैसला कितना खरा?

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×