हैदराबाद में पुलिस एक्शन को विदेशी मीडिया में भी खासा कवरेज मिला है. वाशिंगटन पोस्ट, सीएनएन,बीबीसी समेत कई विदेशी मीडिया हाउस ने आरोपियों के एनकाउंटर को लोगों के समर्थन का जिक्र किया है.
वाशिंगटन पोस्ट ने एनकाउंटर पर विस्तृत रिपोर्ट में लिखा है कि पुलिस एक्शन से लोग खुश हैं. हालांकि सामाजिक कार्यकर्ताओं और वकीलों का कहना है इस मुठभेड़ पर एकस्ट्रा ज्यूडीशियल किलिंग का ठप्पा लग सकता है.
वाशिंगटन पोस्ट ने लिखा है कि भारत में पुलिस की ओर से संदिग्ध अपराधियों की हत्या इतनी आम हो गई है कि इसने अपनी टर्मिनोलॉजी हासिल कर ली है. इन्हें एनकाउंटर कहा जाता है. हालांकि सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि पुलिस अफसरों को इस तरह के केस में पूरी तरह अभयदान मिल जाता है. ऐसी हत्याओं की पूरी जांच नहीं होती है.
न्यूयॉर्क टाइम्स ने हैदराबाद रेप कांड को हाल के सबसे पीड़ादायी रेप केस कहा है. अखबार ने लिखा है कि दिल दहला देने वाली इस घटना का शुक्रवार को चौंकाने वाला अंत हुआ. सीएनएन की रिपोर्ट में कहा गया है कि हैदराबाद में वेटरनरी डॉक्टर का रेप कर उसे जला देने वाले आरोपियों की पुलिस एनकाउंटर में मौत के बाद लोगों ने पुलिस पर फूल बरसाए और नारे लिखी तख्तियों के साथ स्वागत किया. बीबीसी ने लिखा कि सोशल मीडिया पर पुलिस के इस कदम का जबरदस्त स्वागत हो रहा है. दिसंबर, 2012 में दिल्ली की एक बस में एक लड़की के गैंग रेप के बाद भारत में महिलाओं के खिलाफ हिंसा और रेप बड़ी बहस का मुद्दा बन गए हैं.
द ‘गार्डियन’ की रिपोर्ट में कहा गया है कि हैदराबाद में एनकाउंटर पर देश के लोग बंटे हुए हैं. कुछ इस ‘फौरी न्याय’ पर खुशियां मना रहे हैं जबकि कुछ लोग पुलिस की इस बात की आलोचना कर रहे हैं कि उसने कानून अपने हाथ में लिया.
ब्रिटिश अखबार द टेलीग्राफ ने लिखा है कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा के हाई प्रोफाइल मामलों ने भारत में लोगों के गुस्से को भड़का दिया . हजारों लोग हैदराबाद में रेप और हत्या की घटना के बाद सड़कों पर उतर आए. ब्रिटिश अखबार द टाइम्स ने इस घटना के बाद लोगों ने थाने घेर लिया और आरोपियों को अपने हवाले करने को कहा ताकि वे उन्हें पीट-पीट कर मार सकें.
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