ADVERTISEMENTREMOVE AD

फ्रांस का जोरदार विरोध, फिर भी पीछे नहीं हटे मैक्रों- वजह क्या है?

फ्रांस के नीस शहर में 29 अक्टूबर को एक आतंकी हमला हुआ

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

मुस्लिम देशों में फ्रांस और उसके राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों का विरोध जारी है. मैक्रों के इस्लाम पर टिप्पणी और पैगंबर मोहम्मद के कार्टून का बचाव करने के बाद से कई मुस्लिम देशों में फ्रेंच उत्पादों का बॉयकॉट शुरू हो गया है. वहीं, इस बीच फ्रांस के नीस शहर में 29 अक्टूबर को एक आतंकी हमले में तीन लोगों की मौत हो गई है. लेकिन, फ्रांस और उसके उत्पादों के इतने व्यापक विरोध के बाद भी इमैनुएल मैक्रों पीछे हटने को तैयार नहीं हैं और अपने बयानों पर कायम हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD
29 अक्टूबर के हमले के बाद इमैनुएल मैक्रों ने कहा, “अगर हम पर दोबारा हमला हुआ है तो ये हमारे मूल्यों की वजह से है, खुल के विश्वास करने की स्वतंत्रता की वजह से और किसी भी तरह के आतंक के सामने हार न मानने की वजह से.” 

नीस में नोट्रे-डैम चर्च में हमला हुआ. एक शख्स ने चाकू से कई लोगों पर हमला किया. इसमें दो महिलाओं और एक आदमी की मौत हो गई. पुलिस ने हमलावर को गोली मारकर घायल कर दिया था.

अभी फ्रांस में क्या स्थिति है?

इस समय फ्रांस में आतंकी खतरे का स्तर वही चल रहा है, जो 2015-16 में था. उस साल फ्रांस में कई आतंकी हमले हुए थे. शार्ली हेब्दो के ऑफिस में आतंकियों ने घुसकर कई कार्टूनिस्ट को मार दिया था, पेरिस के बटाक्लान थिएटर में लोगों का कत्लेआम हुआ था.

राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने देश की सार्वजानिक संपत्तियों की सुरक्षा बढ़ा दी है. अब देशभर में ऐसी जगहों की सुरक्षा में 3000 नहीं, बल्कि 7000 सैनिक तैनात किए जाएंगे. इन जगहों में सड़कें, धार्मिक स्थान और स्कूल शामिल हैं.

विरोध जारी लेकिन मैक्रों पीछे हटने को तैयार नहीं

2 अक्टूबर को इमैनुएल मैक्रों ने ऐलान किया कि वो दिसंबर तक नए बिल पेश करेंगे, जो कि 1905 के एक कानून को और सख्त बनाएगा. ये कानून धर्म को सार्वजानिक जीवन से अलग करता है. इमैनुएल मैक्रों ने कहा, "इस्लाम एक ऐसा धर्म है जो आज पूरी दुनिया में संकट में है. ये हम सिर्फ अपने देश में ही नहीं देख रहे."

इस बयान के बाद मैक्रों की काफी आलोचना हुई थी, लेकिन विवाद ज्यादा नहीं बढ़ा था. और फिर 16 अक्टूबर को पेरिस के एक मिडिल स्कूल हिस्ट्री टीचर सैमुएल पैटी की हत्या कर दी गई. इस टीचर ने मौत से कुछ दिनों पहले ही बच्चों को पैगंबर मोहम्मद का एक कार्टून दिखाया था.

ADVERTISEMENTREMOVE AD
मैक्रों ने पैटी की हत्या के बाद कार्टूनों का बचाव किया और कहा, “हम कार्टूनों को अपनाने से इंकार नहीं करेंगे.” उनके इस बयान के बाद से बवाल मचा हुआ है. कई मुस्लिम देश फ्रेंच उत्पादों का बॉयकॉट कर रहे हैं. लेकिन मैक्रों पीछे हटने को तैयार नहीं हैं.  

इसकी एक वजह है इमैनुएल मैक्रों को फ्रांस में मिल रहे मुस्लिम समुदाय का समर्थन. फ्रेंच काउंसिल ऑफ मुस्लिम फेथ (CFCM) ने कहा है कि फ्रांस में मुस्लिमों का उत्पीड़न नहीं होता है और वो अपना धर्म आजादी के साथ फॉलो करते हैं. CFCM ने फ्रांस को महान देश भी बताया.

CFCM ने फ्रांस के मुसलमानों से ‘देश के हित’ की रक्षा करने को कहा और मैक्रों के कार्टून पर बयान का समर्थन किया.   
ADVERTISEMENTREMOVE AD

दूसरी वजह 2022 के चुनाव हो सकते हैं. हाल के सालों में फ्रांस ने कई आतंकी हमले झेले हैं और वहां की राजनैतिक पार्टियां सरकार को सुरक्षा के मुद्दे पर घेरती रही हैं. ऐसे में इमैनुएल मैक्रों का 'कट्टर इस्लाम' पर हमला चुनाव को ध्यान में रखते हुए भी हो सकता है. फ्रांस की धर्म को ज्यादा तवज्जो न देने वाली संस्कृति का बचाव करते हुए मैक्रों अपनी स्थिति मजबूत करते दिखते हैं.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×