चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने दावा किया है कि भारत-चीन के बीच विस्तृत बॉर्डर डिस्एंजेगमेंट प्लान को लेकर भारतीय मीडिया की खबरें सटीक नहीं हैं. अखबार ने सूत्रों के हवाले से लिखा है, ''भारतीय मीडिया की रिपोर्ट्स कि चीनी और भारतीय सेनाएं एक प्रस्तावित डिस्एंगेजमेंट प्लान के लिए डीटेल्ड अरेंजमेंट्स पर चर्चा कर रही हैं और इनको अंतिम रूप दिया जा रहा है, सटीक नहीं हैं.''
बता दें कि हाल ही में भारतीय मीडिया में आधिकारिक सूत्रों के हवाले से खबरें आई थीं कि भारत और चीन पूर्वी लद्दाख में 6 महीने से चल रहे गतिरोध को सुलझाने की कगार पर पहुंच रहे हैं. इसके अलावा बताया गया था कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के भारतीय हिस्से में 6 नवंबर को चुसूल में भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच 8वें दौर की उच्च स्तरीय सैन्य बातचीत के दौरान सैनिकों को पीछे हटाने और अप्रैल से पहले की स्थिति बहाल करने के विशेष प्रस्ताव को अंतिम रूप दिया गया.
सूत्रों के हवाले से बताया गया था कि भारतीय सेना और चीनी सेना कोर कमांडर स्तर पर होने वाली अगली बातचीत में समझौते पर पहुंचने की उम्मीद कर रही हैं.
इसके अलावा रिपोर्ट्स में कहा गया था कि समझौता होने पर पहले कदम के तौर पर तीन दिनों के भीतर दोनों पक्ष टैंक, बड़े हथियारों, बख्तरबंद वाहनों को एलएसी के पास गतिरोध वाले स्थानों से पीछे के बेस में ले जाएंगे. दूसरे कदम के तौर पर पीएलए के सैनिक पैंगोंग लेक के उत्तरी किनारे पर फिंगर 4 के अपने मौजूदा स्थान से फिंगर 8 क्षेत्र में चले जाएंगे जबकि भारतीय सैनिक धान सिंह थापा चौकी के करीब तैनात होंगे.
रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले ये यह भी कहा गया कि सेनाओं के बीच बनी सहमति के तहत व्यापक रूप से तीन दिनों में हर दिन करीब 30 प्रतिशत सैनिकों की वापसी होगी.
हालांकि, ग्लोबल टाइम्स ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच 8वें दौर की उच्च स्तरीय सैन्य बातचीत की चाल अच्छी है, लेकिन भारतीय मीडिया की तरफ से बताया गया डिस्एंजेगमेंट प्लान सटीक नहीं है.
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