अमेरिका में कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन काफी तेजी से फैल रहा है. अमेरिका के कुल मामलों में नए स्ट्रेन B.1.1.7 की हिस्सेदारी आधी हो चुकी है. अब अमेरिका ने इससे निपटने के लिए 1.7 बिलियन डॉलर की घोषणा की है.
यह पैसा अमेरिका 1.9 ट्रिलियन डॉलर के भारी-भरकम कोविड रिलीफ फंड से लिया जा रहा है. 1.7 बिलियन डॉलर का इस्तेमाल नये स्ट्रेन के डिटेक्शन, मॉनिटरिंग और इसे कम करने की कोशिशों में किया जाएगा. व्हाइट हॉउस ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी जानकारी दी.
सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन की डॉयरेक्टर रोशेल वेलेंस्की ने बताया कि नया स्ट्रेन 70 फीसदी ज्यादा तेजी से फैलता है. इसलिए इससे निपटना और भी चुनौतीपूर्ण हो जाता है. इससे देश के अलग-अलग हिस्सों में स्वास्थ्य ढांचे पर बहुत ज्यादा भारत पड़ने का खतरा भी पैदा हो गया है.
B.1.1.7 नाम का यह नया स्ट्रेन यूके में पहली बार पाया गया था. व्हाइट हॉउस की रिलीज के मुताबिक 1.7 बिलियन डॉलर के फंड में से 1 बिलियन डॉलर CDC समेत दूसरे स्वास्थ्य अधिकारियों की मदद के लिए उपयोग किया जाएगा, ताकि इसकी बदलती जीनोम सीक्वेसिंग को पहचानकर म्यूटेशन का पता लगाया जा सके.
वहीं 400 मिलियन डॉलर जीनोमिक एपिडेमियोलॉजी में गहन शोध को बढ़ावा देने के लिए इस्तेमाल किए जाएंगे. इसके जरिए 6 उत्कृष्ट केंद्रों की स्थापना की जाएगी.
बचे हुए 300 मिलियन बॉयोइंफॉर्मेटिक्स इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए दिए जाएंगे. जिसके जरिए ऐसा एकीकृत ढांचा बनाया जाएगा, जिसमें आंकड़ों का साझा और उनका विश्लेषण इस तरीके से किया जाएगा, जिससे निजता की भी रक्षा हो और ज्यादा बेहतर फैसला लेने में मदद मिले.
वहीं मशहूर विशेषज्ञ डॉ एंथनी फाउची ने अमेरिकियों को वैक्सीन के लिए प्रेरित किए जाने की वकालत की. उन्होंने कहा कि अमेरिका में जो वैक्सीन उपयोग की जा रही है, उससे B.1.1.7 समेत दूसरे वेरिएंट को भी कवर किया जाता है. अगर यह वैक्सीन शुरुआती संक्रमण के खिलाफ सुरक्ष नहीं दे पाएंगे, तो गंभीर बीमारियों के खिलाफ निश्चित सुरक्षा प्रदान करेंगे.
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