चीन स्थित हांगकांग शंघाई बैंकिंग कॉरपोरेशन (HSBC) संकट में घिर गया है. बैंक ने 35,000 कर्मचारियों को निकालने और अमेरिका-यूरोप में अपने बिजनेस का दायरा कम करने का फैसला किया है. बड़े पैमाने पर इस छंटनी की बैंक ने कई वजह बताई हैं. इसमें से एक वजह चीन में महामारी की तरह फैलता कोरोनावायरस भी है.
HSBC बैंक अमेरिका-चीन के बीच छिड़े ट्रेड वॉर, ब्रिटेन के यूरोपीय यूनियन से बाहर आने और चीन में कोरोनावायरस फैलने की समस्या को देखते हुए कई तरह की समस्याओं का सामना कर रहा है. इसके अलावा एक प्रमुख वजह पिछले तीन सालों से बैंक का घटता मुनाफा भी है.
HSBC बैंक के एक्टिंग सीईओ नोएल क्युइन के पास इंटरनेशनल बैंक के ट्रांसफॉर्मेशन की अहम जिम्मेदारी है. बैंक का कारोबार करीब 50 देशों में फैला है, जिसमें से सबसे ज्यादा मुनाफा एशिया से होता है.
क्युइन ने ब्लूमबर्ग के साथ बातचीत में कहा कि अगले 3 साल में वह अपने कर्मचारियों की संख्या 235,000 से घटाकर 200,000 कर देगा. बैंक का लक्ष्य साल 2022 तक 4.5 अरब डॉलर की लागत कम करना है.
बता दें, HSBC बैंक का साल 2019 में टैक्स पूर्व मुनाफा 13.3 अरब डॉलर रहा, जो 2018 के मुकाबले 33 फीसदी कम है. 2019 की चौथी तिमाही में बैंक का नुकसान करीब 3.9 अरब डॉलर रहा.
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