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इमरान खान भाषण देते रहे, गिरफ्तार करने पहुंची पुलिस बाहर इंतजार करती रही

Pakistan: Imran Khan को गिरफ्तार करने पहुंची पुलिस, जानिए तोशखाना केस क्या है?

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इससे पहले इस्लामाबाद पुलिस ने अपने एक ट्वीट में कहा कि इमरान खान गिरफ्तारी से बच रहे हैं और पुलिस अधिकारी इमरान खान के कमरे में गए, लेकिन वहां वे नहीं मिले. दूसरी ओर पुलिस को इमरान खान के घर के बाहर पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के कार्यकर्ताओं के भारी हुजूम का सामना करना पड़ा. वे पीटीआई नेता फवाद चौधरी के बुलावे पर वहां जमा हो गए.

पाकिस्तान की इस्लामाबाद पुलिस और पंजाब पुलिस रविवार, 5 मार्च को पूर्व पीएम और PTI के अध्यक्ष इमरान खान (Imran Khan) को हिरासत में लेने के लिए उनके लाहौर स्थित आवास पर पहुंची. पुलिस बाहर इंतजार करती रही और इमरान खान अंदर अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते रहे.

इमरान खान को तोशखाना अदालत की सुनवाई से लगातार अनुपस्थित रहने के कारण उन्हें हिरासत में लेने का आदेश जारी हुआ है. हम आपको बताते हैं कि यह मामला क्या है. उससे पहले 8 प्वाइंट में जान लीजिये अबतक क्या हुआ है.

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  • इस्लामाबाद पुलिस इमरान को गिरफ्तार करने के लिए लाहौर स्थित जमान पार्क स्थित आवास पर पहुंची.

  • यहां उनका सामना बड़ी संख्या में मौजूद पीटीआई कार्यकर्ताओं से हुआ, जिन्होंने फवाद चौधरी के आह्वान पर उनके आवास के बाहर जमावड़ा लगाया था.

  • तोशखाना मामले की सुनवाई में इमरान के लगातार ना आने पर सेशन कोर्ट के जज ने उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था.

  • पुलिस का कहना है कि गिरफ्तारी में बाधा डालने वालों पर कार्रवाई की जाएगी.

  • इस्लामाबाद पुलिस प्रमुख का कहना है कि खाली हाथ वापस नहीं जाएंगे.

  • इमरान खान की गिरफ्तारी होने पर पीटीआई बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन की धमकी दे रही है.

  • पाकिस्तान के आंतरिक मामलों के मंत्री राणा सनाउल्लाह ने कहा है कि इमरान की गिरफ्तारी अदालत के आदेश पर हो रही है, न कि सरकार के आदेश पर.

क्या है इमरान खान के खिलाफ तोशखाना मामला?

पाकिस्तान में तोशखाना कैबिनेट डिवीजन के तहत एक सरकारी विभाग है. इसके 1974 में बनाया गया और यहां पाकिस्तानी अधिकारियों, सरकार के पदों पर बैठे नेताओं को मिले उपहारों को रखा जाता है. केवल राष्ट्रपति और प्रधान मंत्री को ऐसे उपहार खुद के पास रखने की छूट दी गई है. लेकिन उसकी भी लिमिट है. अगर किसी उपहार की कीमत 30,000 रुपये से कम है तो राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री उपहार को अपने पास रख सकते हैं. लेकिन इससे अधिक महंगे उपहार तोशखाने में रखे जाने चाहिए.

इस लिमिट के बाद भी यदि कोई अधिकारी उपहार को अपने पास चाहता है, तो वह उपहार के मूल्य का एक निश्चित प्रतिशत का पेमेंट करके ऐसा कर सकता है. यह आमतौर पर उपहार के मूल्य का लगभग 20 प्रतिशत था - जिसे इमरान ने 2018 में सत्ता में आने के बाद बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया.

इमरान खान पर आरोप है कि उन्होंने तोशखाना (प्रधानमंत्री के रूप में अपने समय के दौरान) में जमा नहीं किए गए उपहारों और उनकी कथित बिक्री से हुई कमाई की डिटेल शेयर नहीं किया था. इसकी शिकायत पिछले साल सत्तारूढ़ गठबंधन के सांसदों ने दायर की थी. 21 अक्टूबर 2022 को, पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने निष्कर्ष निकाला था कि पूर्व प्रधान मंत्री ने वास्तव में उपहारों के संबंध में "झूठे बयान और गलत घोषणाएं" की थीं.

इस्लामाबाद की एक अदालत के एडिशनल सेशन जज जफर इकबाल ने 28 फरवरी को तोशखाना मामले में अदालत के सामने पेश होने में लगातार विफल रहने पर पूर्व प्रधानमंत्री का गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया था. उस दिन इमरान की व्यक्तिगत रूप से अदालत में चार सुनवाई हुई और चार में से तीन मामलों में उन्हें जमानत मिल गई थी.

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