कंगाली के कगार पर खड़े पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान लोगों के चुभते सवालों से परेशान हैं. उनकी परेशानी की वजह लोगों के वे सवाल हैं जो इमरान के किए गए वादों से पैदा हुए हैं. इन सवालों से परेशान इमरान का कहना है कि लोगों में सब्र नहीं है. वे बहुत जल्द नतीजे चाहते हैं. पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था के बुरे हाल हैं. देश में महंगाई रिकार्ड तोड़ चुकी है. ऐसे में 'नए पाकिस्तान' को बनाने के वादे के साथ सत्ता में आए इमरान से सवाल पूछा जा रहा है कि आखिर वह नया पाकिस्तान कहां है, वह कहीं नजर क्यों नहीं आता?
लोगों में सब्र नहीं हैं: इमरान खान
इस पर इमरान ने इस्लामाबाद में गरीबों के लिए एक एक लंगर योजना को शुरुआत करने के दौरान कहा कि लोगों में सब्र नहीं है. उन्हें सत्ता में आए अभी तेरह महीने ही हुए हैं लेकिन लोग पूछ रहे हैं कि कहां है नया पाकिस्तान. इमरान ने कहा कि गरीबों को भोजन उपलब्ध कराने वाला
‘अहसास लंगर’ नाम का यह कार्यक्रम देश के कोने-कोने तक पहुंचाया जाएगा. उनकी सरकार की कोशिश है कि देश में कोई भी भूखा न सोए. अगर देश में कोई भूखा सोता है तो इससे देश में सुख व समृद्धि नहीं आती. यह मुल्क में गरीबी को कम करने का सबसे बड़ा कार्यक्रम है.
सरकार कारोबारियों-धनवानों की मदद कर रही है: इमरान खान
इमरान ने कहा कि सरकार उद्यमियों-धनवानों की मदद कर रही है और उनसे टैक्स लेकर गरीबों के लिए काम करने की दिशा में भी लगी हुई है. इसके बावजूद लोगों से सब्र नहीं होता और वे पूछने लगते हैं कि तेरह महीने हो गए हैं, कहां है नया पाकिस्तान.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा कि उनका लक्ष्य मदीने जैसी शासन व्यवस्था (इस्लाम के शुरुआती दिनों में मोहम्मद साहब और उनके तत्काल बाद की व्यवस्था) को बनाने का है लेकिन मदीने की व्यवस्था भी कोई रातोंरात नहीं बन गई थी. इसके लिए पैगंबर मोहम्मद साहब ने मेहनत की थी जिसके बाद लोगों में बदलाव आया था. पाकिस्तान भी बदलेगा लेकिन तब्दीली धीरे-धीरे आएगी, जब मानसिकता बदल जाएगी.
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