देश में पिछले कुछ सालों में सहिष्णुता बनाम असहिष्णुता पर काफी बहस हुई है. पर क्या आप जानते हैं कि सहिष्णुता के पैमाने पर भारत की दुनिया में मौजूदा स्थिति क्या है? इसे लेकर एक नए सर्वे का परिणाम सामने आया है. Ipsos MORI की तरफ से कराए गए इस सर्वे के मुताबिक, भारत सहिष्णु देशों की लिस्ट में चौथे स्थान पर है.
सबसे सहिष्णु देश कनाडा
2018 के जनवरी-फरवरी में Ipsos MORI की तरफ से ये सर्वे किया गया है. इसके मुताबिक, सहिष्णु देशों के मामले में कनाडा पहले पायदान पर है. इसके बाद इस सूची में दूसरे पायदान पर चीन है, जबकि मलेशिया का तीसरा स्थान है.
हंगरी के लोग अपने देश को सबसे कम सहिष्णु मानते हैं. इसके बाद साउथ कोरिया और ब्राजील का स्थान है.
27 देशों में हुआ सर्वे
इस सर्वे के लिए 27 देशों में करीब 20 हजार लोगों का इंटरव्यू किया गया. इसमें उन तथ्यों को सामने लाने की कोशिश की गई जो आम लोगों के मुताबिक, मतांतर या समाज को बांटते हैं. सर्वे के मुताबिक, 63 फीसदी भारतीय अलग-अलग बैकग्राउंड्स, संस्कृति या दृष्टिकोण वाले लोगों के प्वाइंट पर भारत को सहिष्णु देश मानते हैं.
भारत में 49 फीसदी लोगों को लगता है कि राजनीतिक विचारों में मतभेद तनाव का कारण बनते हैं. वहीं 48 फीसदी लोग इसके लिए धर्म जबकि 37 फीसदी लोग सामाजिक-आर्थिक गैप को वजह मानते हैं.
इस सर्वे के मुताबिक, 53 फीसदी भारतीयों को लगता है कि दूसरे बैकग्राउंड, संस्कृति या दृष्टिकोण वाले लोगों से मेलजोल पर आपसी समझ और सम्मान की भावना पैदा होती है.
असहिष्णुता कम करने के लिए अमेरिकी मदद!
अमेरिका ने पिछले साल नवंबर में भारत में असहिष्णुता कम करने के मकसद से 5 लाख डॉलर की मदद की घोषणा की थी. अमेरिका के विदेश मंत्रालय के लोकतंत्र, मानवाधिकार एवं श्रम ब्यूरो ने अपने नोटिस में कहा था कि वो अपने 4,93,827 डॉलर के कार्यक्रम के जरिये भारत में धार्मिक भेदभाव और हिंसा को कम करना चाहता है.
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(इनपुटः IANS)
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