भारतीय विदेश मंत्रालय ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैन्युअल मैक्रों (Emmanuel Macron) पर हो रहे व्यक्तिगत हमलों की सख्त लहजे में आलोचना की. दरअसल मैक्रों की कट्टरपंथी इस्लाम के प्रति सख्त रवैयों को लेकर दुनिया के कई देश खिंचाई कर रहे हैं. इस पर भारत ने फ्रांस के राष्ट्रपति का बचाव करते हुए कहा कि ये अंतरराष्ट्रीय बातचीत के आधारभूत कायदों का उल्लंघन है. इसके बाद फ्रांस के राष्ट्रपति ने भारतीय विदेश मंत्रालय को ट्विटर पर धन्यवाद कहा और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत और फ्रांस की एकजुटता की बात की.
भारतीय विदेश मंत्रालय (MEA) ने सख्त बयान जारी करते हुए फ्रांस के टीचर पर हुए खतरनाक आतंकी हमले की भी निंदा की. भारत ने कहा कि किसी भी परिस्थिति में या किसी भी कारण के चलते आतंकवाद को सही नहीं ठहराया जा सकता है.
हम राष्ट्रपति मैक्रों के खिलाफ किए गए व्यक्तिगत हमलों की निंदा करते हैं. ये अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने वाली बातचीत के बेसिक कायदों का उल्लंघन है. हम उस आतंकवादी हमले की भी निंदा करते हैं, जिसमें फ्रांस के शिक्षक की खतरनाक तरीके से जान ली गई. हम उनके परिवार और फ्रांस के लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं.भारतीय विदेश मंत्रालय (MEA)
मैक्रों ने किया भारत का 'धन्यवाद'
भारत के इस बयान के बाद फ्रांस के राष्ट्रपति ने भारत के बयान को साझा करते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय को धन्यवाद दिया और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत-फ्रांस की एकजुटता की बात कही.
बता दें कि मैक्रों के कट्टरपंथी इस्लाम के खिलाफ सख्त रवैए और प्रोफेट मोहम्मद पर बनाए गए कार्टून के पक्ष में खड़े होने को लेकर कई सारे मुस्लिम देश आलोचना कर रहे हैं.
फ्रांस के खिलाफ मुस्लिम देशों में हो रहे प्रदर्शन
फ्रांस और उसके राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के खिलाफ कई मुस्लिम देशों ने गुस्से का इजहार किया है. अरब देश ही नहीं, बल्कि तुर्की से लेकर पाकिस्तान तक फ्रांस की आलोचना कर रहे हैं और उस पर 'इस्लामोफोबिया' को बढ़ावा देने का आरोप लगा रहे हैं. फ्रेंच उत्पादों के बॉयकॉट के लिए सोशल मीडिया पर ट्रेंड चलाए जा रहे हैं और कई मुस्लिम देशों में इस पर अमल भी शुरू हो गया है.
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