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कश्मीर पर तुर्की के राष्ट्रपति का बयान,भारत का जवाब-दखल ना दें

तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगान दो दिवसीय यात्रा पर पाकिस्तान पहुंचे थे.

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तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगान ने पाकिस्तान में एक बार फिर कश्मीर का मुद्दा उठाया है. उन्होंने पाकिस्तान की संंसद में कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान के रुख का समर्थन किया है. अब भारत ने तुर्की के राष्ट्रपति के इस बयान का सख्त लहजे में जवाब दिया है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा है, ''कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है. तुर्की भारत के मामले में हस्तक्षेप ना करे."

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दरअसल, तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगान दो दिवसीय यात्रा पर पाकिस्तान पहुंचे थे. तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगान ने शुक्रवार को पाकिस्तानी संसद के संयुक्त सत्र को रिकॉर्ड चौथी बार संबोधित किया था.

इसी दौरान उन्होंने कहा कि कश्मीर पाकिस्तान के लिए जितना जरूरी है, उनके देश के लिए भी उतना ही अहम है. एर्दोगान ने कहा,

“तुर्की की आजादी की लड़ाई के वक्त पाकिस्तान के लोगों ने अपनी हिस्से की रोटी हमें दी थी. पाकिस्तान की इस मदद को हम नहीं भूले हैं और न कभी भूलेंगे. कल हमारे देश के लिए जिस तरह कनक्कल (तुर्की का सुमद्र तटीय हिस्सा) अहम था, बिलकुल उसी तरह आज कश्मीर हमारे लिए मायने रखता है. दोनों में कोई फर्क नहीं है.”

एर्दोगान के इसी भाषण पर भारत ने जवाब दिया है. विदेश मंत्रालय ने कहा,

‘’हम तुर्की नेतृत्व से अनुरोध करते हैं कि वह भारत के लिए पाकिस्तान से पैदा होने वाले आतंकवाद के खतरे सहित सभी तथ्यों की सही समझ विकसित करे.’’

एर्दोगान की स्पीच के बाद पाकिस्तान नेशनल असेंबली के स्पीकर असद कैसर ने कहा कि वह पाकिस्तान के सच्चे दोस्त और भाई हैं. कश्मीर मुद्दे पर तुर्की के राष्ट्रपति को उनके स्पष्ट और न्यायपूर्ण रुख के लिए' धन्यवाद देते हैं.

पहले भी एर्दोगान कश्मीर पर दे चुके हैं बयान

बता दें कि इससे पहले भी एर्दोगान ने यूएन में कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान का समर्थन किया था. तुर्की के राष्ट्रपति ने कहा था जम्मू और कश्मीर पर संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव के बावजूद आठ लाख लोग कैद में हैं. जिसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी तुर्की यात्रा रद्द कर दी थी. साथ ही भारत ने कहा था कि तुर्की कोई और बयान देने से पहले जमीनी हकीकत को ठीक प्रकार से समझ ले.

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