इजराइल में दो साल से भी कम वक्त में चौथे संसदीय चुनाव के लिए मंगलवार को वोटिंग हुई. देश के 3 प्रमुख टीवी स्टेशनों के एग्जिट पोल्स के मुताबिक, इस चुनाव में किसी भी पार्टी/गठबंधन को सरकार बनाने के लिए जरूरी बहुमत नहीं मिलता दिख रहा. चुनाव के अंतिम नतीजे इस हफ्ते के आखिर तक आ सकते हैं.
हालांकि इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने दावा किया है कि इजरायलियों ने उनके नेतृत्व में दक्षिणपंथी दलों और उनकी लिकुड पार्टी को ‘बड़ी जीत’ दी है.
इसके साथ ही उन्होंने कहा है, ''यह साफ है कि इजरायल के नागरिकों का स्पष्ट बहुमत दक्षिणपंथी है, और वे एक मजबूत और स्थिर दक्षिणपंथी सरकार चाहते हैं जो इजराइल की अर्थव्यवस्था, इजराइल की सुरक्षा और इजराइल की जमीन की रक्षा करेगी. यही हम करेंगे.''
चैनल 11, 12 और 13 के एग्जिट पोल्स के मुताबिक, 120 सदस्यीय संसद में नेतन्याहू और उनके सहयोगियों को 53-54 सीट मिल सकती हैं, जबकि उनके विरोधियों को 59 सीट मिल सकती हैं. ऐसे में नेतन्याहू के पूर्व सहयोगी नफताली बेनेट की यामिना पार्टी किंगमेकर की भूमिका में आ सकती है, जिसे 7-8 सीटें मिलने का अनुमान है. बता दें कि सरकार बनाने के लिए कम से कम 61 सीटों की जरूरत होगी.
इस चुनाव को नेतन्याहू पर एक जनमत संग्रह के तौर पर भी देखा जा रहा है. उन्होंने दुनिया के सबसे सफल कोरोना वायरस टीकाकरण अभियान में से एक का नेतृत्व किया है. हालांकि, वह भ्रष्टाचार के आरोपों में भी घिरे हैं.
चुनाव को लेकर यश एटिड पार्टी के नेता और नेतन्याहू के मुख्य प्रतिद्वंद्वी येर लापिद ने कहा, "यह चुनाव आपराधिक परीक्षण का सामना कर रहे नेतन्याहू की शासन करने की क्षमता पता करने का एक जनमत संग्रह है. यह इजरायल के लिए सच सामने लाने का समय है."
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