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रूस के सैन्य अभ्यास में नहीं जाएगा भारत, चीन भी था हिस्सेदार

रूस में होने वाले इस अभ्यास में शंघाई सहयोग संगठन के सदस्य, मध्य एशियाई देश, तुर्की और ईरान को हिस्सा लेना था.

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भारत ने रूस में अगले महीने होने वाली मिलिट्री एक्सरसाइज से हाथ खींच लिए हैं. भारत ने इसके लिए कोरोना महामारी में लॉजिस्टिक्स दिक्कतों का हवाला दिया है. पर मीडिया रिपोर्ट्स में इसकी वजह एक्सरसाइज में चीन का हिस्सा लेना बताया जा रहा है.

कवकज 2020 नाम की यह मिलिट्री एक्सरसाइज 15 सितंबर से 27 सितंबर के बीच होनी थी. इसमें शंघाई सहयोग संगठन, मध्य एशिया के देश, तुर्की और ईरान को हिस्सा लेना था.

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शुक्रवार को रक्षा मंत्रालय ने कहा, "रूस और भारत करीबी और अहम रणनीतिक साझेदार हैं. रूस के न्योते पर भारत कई अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों में हिस्सा लेता रहा है. लेकिन हाल में महामारी और एक्सरसाइज में उसके चलते होने वाली दिक्कतों को देखते हुए, जिसमें लॉजिस्टिक्स का प्रबंधन भी शामिल है, भारत ने इस साल कवकज 2020 में अपने बेड़े को न भेजने का फैसला लिया है. रूस को भी इस बात की सूचना दे दी गई है."

बता दें अप्रैल के महीने से भारत और चीन के संबंधों में तनाव जारी है. चीन ने LAC का उल्लंघन करते हुए भारत के कई हिस्सों में अतिक्रमण करने की कोशिश की थी.

इस बीच 15-16 जून की रात में दोनों देशों के सैनिकों के बीच गलवान घाटी में हिंसक झड़प हो गई, जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे. चीन के भी कई सैनिकों के मारे जाने की पुष्टि हुई थी.

इसके बाद से ही भारत और चीन में कमांडर लेवल समेत कई स्तरों पर बातचीत जारी है. लेकिन फिंगर 5 से फिंगर-8 और पेंगौंग त्सो झील के इलाके में तनाव अब भी जारी है. भारत ने भी वहां अपनी सैन्य तैनाती कम करने से इंकार कर दिया है.

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