लेबनान की राजधानी बेरूत में हुए भयानक धमाकों के बाद देश की पूरी कैबिनेट ने इस्तीफा दे दिया है. प्रधानमंत्री हसन दिआब ने सोमवार शाम एक टीवी संबोधन में इस्तीफे का ऐलान किया. राष्ट्रपति माइकल ऑन ने प्रधानमंत्री हसन दिआब का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है. कैबिनेट के इस्तीफे से पहले से देश में इन धमाकों को लेकर प्रदर्शन हो रहा है.
राष्ट्रपति को इस्तीफा देने के बाद दिआब की सरकार केयरटेकर बनी रहेगी, जब तक कि नई सरकार नहीं चुनी जाती.
दिआब पिछले साल दिसंबर में ही प्रधानमंत्री बने थे. लेबनान इस समय बड़े आर्थिक संकट में है और कोरोना वायरस की वजह से दिक्कतें और भी ज्यादा बढ़ गई हैं.
स्वास्थ्य मंत्री हमाद हसन ने बताया है कि कई कैबिनेट मंत्रियों ने इस्तीफा दिया और कई ने ऐसा करने की इच्छा जाहिर की, जिसकी वजह से दबाव में पूरी कैबिनेट ने इस्तीफा देने का फैसला किया.
सरकार के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन
बेरूत में पिछले हफ्ते हुए दो भयानक विस्फोट के बाद 9 अगस्त को लगातार दूसरे दिन सरकार के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन हुए. इस दौरान लेबनान पुलिस ने संसद के पास एक सड़क को ब्लॉक करने वाले और पत्थरबाजी कर रहे प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे.
टीवी फुटेज में दिखा कि पार्लियामेंट स्क्वॉयर के एक प्रवेश द्वार पर आग लग गई, जब प्रदर्शनकारियों ने घेराबंदी वाले क्षेत्र में घुसने की कोशिश की.
बेरूत पोर्ट पर 4 अगस्त को हुए 2000 टन से ज्यादा अमोनियम नाइट्रेट में विस्फोट की वजह से 200 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई और 6000 से ज्यादा घायल हो गए. इसके बाद, कई महीनों से आर्थिक संकट और बेरोजगारी का सामना कर रहे देश के लोगों में सरकार के खिलाफ अचानक से गुस्सा बढ़ गया है.
लेबनान के एक जज ने 10 अगस्त को देश की सुरक्षा एजेंसियों के प्रमुखों से सवाल करने शुरू किए हैं.
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