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चोकसी को ‘अगवा करने’ के पीछे 4 ब्रिटिश निवासी: लीगल टीम का दावा

चोकसी की लीगल टीम ने कहा- उसके साथ जो हुआ है वो भयानक है

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भगोड़े कारोबारी मेहुल चोकसी की लीगल टीम ने गुरुवार को लंदन में दावा किया कि 23 मई को चोकसी को अगवा कर लिया गया था, जिसके पीछे 4 ब्रिटिश निवासी थे, इनमें से 3 कथित तौर पर भारतीय मूल के हैं. इस लीगल टीम का दावा है कि चोकसी को एंटीगुआ एंड बारबुडा से अगवा करके डोमिनिका ले जाया गया था.

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वकील माइकल पोलाक के नेतृत्व वाली लीगल टीम ने कहा कि चारों ब्रिटिश निवासियों ने लंदन से एंटीगुआ और डोमिनिका की यात्रा की थी. पोलाक जस्टिस अब्रॉड नामक एक संगठन का प्रतिनिधित्व करते हैं.

यह दावा करते हुए कि चोकसी के परिवार ने उनसे संपर्क किया था, जस्टिस अब्रॉड ने एक बयान में कहा, “इस कार्रवाई (कथित अपहरण) का मकसद एंटीगुआ में चोकसी को मिलने वाली सुरक्षा को हटाना था.”

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए, पोलाक ने कहा कि अप्रैल की शुरुआत में, बारबरा जाराबिका उर्फ बारबरा जोस नाम की एक ब्रिटिश निवासी ने एक अन्य व्यक्ति के साथ लंदन से एंटीगुआ के लिए उड़ान भरी थी. जाराबिका ने कथित तौर पर उसी व्यक्ति के साथ एक निजी विमान से डोमिनिका के लिए उड़ान भरी और वे एंटीगुआ वापस आने से पहले कुछ दिनों तक वहीं रहे. पोलाक ने दावा किया कि अगले दिन दोनों ने, दो अन्य व्यक्तियों गुरमीत सिंह और गुरजीत भंडाल के साथ लंदन के लिए उड़ान भरी.

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चोकसी ने दावा किया है कि बारबरा नाम की महिला ने उसके साथ दोस्ती की और उसके अपहरण में मदद की, वहीं उसकी पत्नी ने उसका ‘अपहरण’ करने के लिए गुरमीत और गुरजीत का नाम लिया है.

पोलाक ने कहा कि अप्रैल में कैरिबियन में अपने समय के दौरान, सिंह और भंडाल ने डोमिनिका पोर्ट पर एक यॉट डॉक करने की कोशिश की थी. उनके मुताबिक, अप्रैल की यात्रा "चोकसी के अपहरण की एक टोही या असफल कोशिश" हो सकती है.

पोलाक ने 25 मई को डोमिनिका में एंट्री के लिए स्वीकृति के रूप में भंडाल और सिंह के नामों का जिक्र करते हुए एक सीमा शुल्क दस्तावेज दिखाया. उन्होंने पोर्ट पर दो लोगों की एक तस्वीर भी दिखाई, यह दावा करते हुए कि वे सिंह और भंडाल थे.

पोलाक ने कहा कि 8 मई को, जाराबिका ने एंटीगुआ में दो विला बुक किए थे. उनके मुताबिक, इस “प्री-प्लानिंग” के हिस्से के रूप में, जाराबिका एक प्रॉपर्टी में रही, और दूसरी में चोकसी का “अपहरण” करने वाले लोग रहे.

पोलाक ने दावा किया कि एंटीगुआ से चोकसी के लापता होने के तुरंत बाद, जाराबिका और ब्रिटेन के एक अन्य निवासी ने एक निजी जेट से डोमिनिका के लिए उड़ान भरी. पोलाक ने कहा कि 28 मई को, जब चोकसी डोमिनिका की हिरासत में था, भंडाल, सिंह और जाराबिका डोमिनिका से बाहर निकल गए.

उन्होंने यह भी कहा कि जब चोकसी को डोमिनिका ले जाया जा रहा था, तो उसे एक दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने के लिए कहा गया था, जो शायद उसे भारत डिपोर्ट करने के लिए सहमति पत्र था.

चोकसी के परिवार के दावों के बारे में पूछे जाने पर कि यह भारतीय एजेंसियों द्वारा किया गया एक ऑपरेशन था, पोलाक ने कहा, "मुझे लगता है कि मकसद वास्तव में खुद के लिए बोलता है''

चोकसी और उसके भांजे नीरव मोदी ने पंजाब नेशनल बैंक से 13500 करोड़ रुपये की धनराशि का कथित तौर पर गबन किया था. चोकसी ने 2017 में एंटीगुआ एंड बारबुडा की नागरिकता ली थी और जनवरी 2018 के पहले हफ्ते में भारत से भाग गया था. इसके बाद ही यह घोटाला सामने आया था.

पोलाक ने बताया कि उनकी टीम ने इस आधार पर यूके की मेट्रोपॉलिटन पुलिस की युद्ध अपराध इकाई के पास इस मामले की शिकायत भी दर्ज की है कि चोकसी को प्रताड़ित किया गया.

चोकसी के मामले को 'कानून के शासन और बुनियादी अधिकारों का घोर उल्लंघन' बताते हुए, पोलाक ने कहा, "चोकसी के साथ जो हुआ है वह भयानक है. उसे एक संपत्ति का लालच देकर उसका अपहरण कर लिया गया. उसके सिर पर एक बैग रखा गया, उसकी पिटाई की गई और जबरन नाव पर चढ़ाकर अवैध रूप से दूसरे देश में भेज दिया गया."

(इंडियन एक्सप्रेस, द वीक, IANS के इनपुट्स समेत)

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