अफ्रीकी देश मोरक्को (Morocco) में 8 सितंबर की देर रात भूकंप ने भीषण तबाही मचा दी. यह भूकंप इतना तेज था कि कई इमारतें मिनटों में ढह गईं. राज्य टेलीविजन ने आंतरिक मंत्रालय के हवाले से कहा, "मोरक्को में आए खतरनाक भूकंप से मरने वालों की संख्या बढ़कर 1,037 हो गई है. मोरक्को के हाई एटलस पहाड़ों में 7.2 तीव्रता के भूकंप में 1,200 से अधिक लोग घायल हो गए हैं." रॉयटर्स ने ये जानकारी दी है.
मरने वालों का आंकड़ा और बढ़ सकता है
भूकंप का केंद्र मोरक्को के मराकेश से करीब 71 किलोमीटर दूर था. यूएस जियोलॉजिकल सर्वे ने भूकंप की जानकारी देते हुए बताया कि भूकंप के झटके रात के करीब 11:11 बजे महसूस किए गए. इस भूकंप के झटके का एपीसेंटर मारकेश से 71 किलोमीटर दूर 18.5 किलोमीटर की गहराई पर था. भूकंप के झटके की वजह से स्थानीय लोगों को काफी नुकसान हुआ है. कई लोगों की जान चली गई है. रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया है. मरने वालों का आंकड़ा और बढ़ सकता है.
सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो में तबाही का मंजर देखा जा सकता है. सड़कों पर मलबा जमा है. भूकंप के झटके महसूस होते ही स्थानीय लोगों में अफरातफरी मच गई. लोग अपने घरों को छोड़कर सड़कों पर निकल आए.
न्यूज एजेंसी से बातचीत करते हुए एक स्थानीय व्यक्ति ने बताया कि भूकंप आने के कुछ ही समय के बाद सड़कों पर कई एंबुलेंस देखी गई, जो इमारतें गिरी हैं उसमें अभी भी कई लोगों के दबे होने की आशंका है.
पीएम मोदी ने संवेदनाएं व्यक्त की
भूकंप रूपी इस प्रलय के बाद पीएम मोदी ने संवेदनाएं व्यक्त कीं. पीएम मोदी ने मोरक्को को हर संभव मदद देने का ऐलान किया है. उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लिखा,
मोरक्को में भूकंप के कारण हुई जानमाल की हानि से अत्यंत दुख हुआ. इस दुखद घड़ी में मेरी संवेदनाएं मोरक्को के लोगों के साथ है. उन लोगों के प्रति संवेदना जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है. घायल जल्द से जल्द ठीक हो जाएं' भारत इस कठिन समय में मोरक्को को हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है.नरेंद्र मोदी (प्रधानमंत्री)
2004 में भी आया था भीषण भूकंप
अफ्रीकी और यूरेशियाई प्लेटों के बीच स्थित होने के कारण मोरक्को के उत्तरी क्षेत्र में अक्सर भूकंप आते रहते हैं. 2004 में उत्तर-पूर्वी मोरक्को के अल-होसेइमा में आए भूकंप में कम से कम 628 लोग मारे गए और 926 घायल हो गए थे. 1980 में पड़ोसी अल्जीरिया में 7.3 तीव्रता वाले अल असनाम भूकंप में 2,500 लोग मारे गए और कम से कम 300,000 लोग बेघर हो गए थें.
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