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सबसे पहले स्वास्थ्य कर्मियों को कोरोना वैक्सीन- ये है पूरा प्लान

कोरोना वैक्सीन को देशभर के लोगों तक पहुंचाने में लगेगा करीब 1 साल

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भारत
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केंद्र सरकार ने कोविड-19 वैक्सीन का वितरण शुरू करने की योजना बनाई है, इसके तहत पहले ये वैक्सीन स्वास्थ्य सेवा से जुड़े लोगों को दी जाएंगी. इसके बाद अन्य समूहों को क्रमिक तौर पर ये वैक्सीन उपलब्ध कराई जाएंगी. वैक्सीन वितरण का अभियान एक साल से ज्यादा समय तक चलेगा. इसके लिए केन्द्र के निर्देशानुसार राज्य और केन्द्रशासित प्रदेश तीन स्तरीय प्रणाली बनाएंगे.

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सभी राज्यों को भेजे गए ये निर्देश

केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण द्वारा सभी राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों के प्रमुख सचिवों को भेजे गए निर्देशों के मुताबिक,

“कोविड-19 वैक्सीन एक साल में कई समूहों को बांटा जाएगा, जो कि क्रमिक रूप से इसमें शामिल किए जाएंगे. वितरण की शुरूआत हेल्थकेयर वर्कर्स (एचसीडब्ल्यू) से शुरू होगी. वितरण के लिए राज्यों में जिला-स्तर पर मजबूत सलाहकार और समन्वय तंत्र बनाना बेहद अहम है. ताकि अन्य स्वास्थ्य सेवाओं में बिना कोई रुकावट डाले इनका वितरण हो सके.”

इससे पहले भूषण ने सभी प्रमुख सचिवों को त्रि-स्तरीय समितियां बनाने के लिए कहा था, जो वैक्सीन के वितरण और इससे जुड़े अन्य मामलों को देख सकें. जानकारी के मुताबिक, राज्य की संचालन समिति के अध्यक्ष मुख्य सचिव होंगे, राज्य की टास्क फोर्स का नेतृत्व प्रमुख सचिव (स्वास्थ्य) और जिले की टास्क फोर्स का नेतृत्व जिला मजिस्ट्रेट करेंगे. ये समितियां क्रमश: महीने में कम से कम एक बार, 15 दिन में एक बार और सप्ताह में एक बार मिलेंगी.

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टास्क फोर्स होगी तैयार

केंद्र ने इन समितियों के लिए तैयारी के चरण और टीके का वितरण शुरू होने के चरण, दोनों की गतिविधियों की एक सूची भी दी है. उदाहरण के लिए तैयारी के चरण के दौरान, राज्य संचालन समितियों को कोल्ड-चेन तैयार करने (टीकों का उचित हस्तांतरण को सुनिश्चित करने), ऑपरेशनल योजना और संचार करने की योजना जैसे मुद्दों की समीक्षा करनी होगी.

एक बार टीका उपलब्ध होने के बाद समितियां सोशल मीडिया पर नजर रखने का काम भी करेंगी. साथ ही राज्य टास्क फोर्स सुनिश्चित करेंगी कि कोविड-19 वैक्सीन आने के बाद सरकारी और निजी क्षेत्रों में नियमित टीकाकरण में व्यवधान न आए. वे स्वास्थ्य कर्मियों के टीकाकरण के लिए सेशन तय करने की योजना भी बनाएंगे.

इसके अलावा उन्हें लाभार्थियों को सत्यापित करने, भीड़ का प्रबंधन करने और टीकाकरण स्थल पर अन्य कामों के समन्वय भी करने होंगे. एक बार वैक्सीन का वितरण शुरू हो जाने के बाद, जिला टास्क फोर्स अफवाह फैलाने वाले लोगों को नियंत्रित करने के साथ-साथ वैक्सीन को लेकर 'मजबूत संचार योजना' विकसित करने पर भी काम करेगी.

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