कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने के फैसले को लेकर पाकिस्तान की बौखलाहट कम होने का नाम नहीं ले रही है. 14 अगस्त को अपने स्वतंत्रा दिवस के मौके पर भी पाकिस्तान में जश्न के बजाय मातम देखने को मिला.
पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री इमरान खान पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) की विधानसभा में पहुंचे. आजादी के मौके पर दिए गए संबोधन में भी इमरान खान ने एक बार फिर कश्मीर का मसला उठाया. सदन को संबोधित करते हुए इमरान खान ने कहा कि कश्मीर पर भारत सरकार ने जो फैसला लिया है, वो नरेंद्र मोदी और बीजेपी को भारी पड़ेगा.
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इमरान खान के संबोधन की 10 बड़ी बातें
- कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाकर नरेंद्र मोदी ने अपना आखिरी कार्ड खेल दिया है. नरेंद्र मोदी और बीजेपी को ये फैसला बहुत भारी पड़ेगा.
- कश्मीरियों के ऊपर सबसे बड़ा संकट आया हुआ है. इस मुश्किल वक्त में, मैं अपने कश्मीरी भाइयों के साथ हूं.
- ये (मोदी सरकार) कश्मीर तक नहीं रुकेंगे. ये नफरत से भरी विचारधारा पाकिस्तान की तरफ आएगी. हमें इन्फॉर्मेशन है कि मोदी सरकार ने पीओके में एक्शन लेने का प्लान बनाया हुआ है. जिस तरह पुलवामा के बाद इन्होंने बालाकोट में एक्शन लिया था. इन्होंने उससे भी ज्यादा खौफनाक प्लान बनाया है.
- आरएसएस की विचारधारा, हिटलर की विचारधारा से प्रेरित है. ये समझते हैं कि हिंदू कौम सुपीरियर है. ये समझते हैं कि मुसलमान कौम ने इनके ऊपर हुकूमत की है, इसलिए अब इनसे बदला लेना है. आरएसएस की विचारधारा में मुसलमानों के खिलाफ नफरत है. ये क्रिश्चियन से भी नफरत करते हैं, क्योंकि क्रिश्चियन कौम ने भी इनके ऊपर हुकूमत की.
- कायदे आजम (मोहम्मद जिन्ना) समझ गए थे कि ये लोग जो आजादी मांग रहे हैं, वो हमारे लिए नहीं मांग रहे हैं, बल्कि उन्होंने इनके दिलों में मुसलमानों के खिलाफ नफरत देख ली थी. जब जिन्ना मायूस होकर ब्रिटेन चले गए थे. तब उन्होंने कहा था कि मुसलमानों तुम्हें नहीं पता कि तुम किस खतरे में जा रहे हो, तुम अंग्रेजों से भी बुरी गुलामी में जा रहे हो. लेकिन फिर भी मुसलमान नहीं सुन रहे थे. अगर 1937 में चुनाव नहीं होता, होम रूल ना आता, जिसमें एक ही मुस्लिम को मिनिस्ट्री नहीं दी गई. तब मुसलमानों को पता चला कि भारत में उनके लिए कोई जगह ही नहीं है. तब मुसलमान मुस्लिम लीग की ओर गए और तभी सही मायनों में पाकिस्तान मूवमेंट शुरू हुई.
- आरएसएस की विचारधारा की वजह से ही पाकिस्तान बना और इसी विचारधारा ने महात्मा गांधी का कत्ल किया. इसी विचारधारा ने गुजरात में मुसलमानों का कत्लेआम किया. लेकिन किसी ने कुछ नहीं कहा. वहां से ये विचारधारा बढ़नी शुरू हुई. इससे पहले बाबरी मस्जिद थी. फिर ये विचारधारा हिंदुस्तान में फैलती चली गई.
- गाय का गोश्त खाने पर मुसलमानों को मार दिया गया. मॉब लिंचिंग की घटनाएं बढीं. ये सब उसी विचारधारा का हिस्सा था. पिछले पांच सालों में खास तौर पर कश्मीर में जुल्म किए गए. नरेंद्र मोदी ने कश्मीर पर जो फैसला लिया है, वो उसी विचारधारा का 'फाइनल सॉल्यूशन' था.
- उन्होंने जब देखा कि उन्हें कोई नहीं रोक रहा है. दुनिया से कोई रिएक्शन नहीं आ रहा है तो इनकी हिम्मत बढ़ती गई. कश्मीर में जो कदम उठाया गया. हर किसी के अंदर एक ही खौफ है, कि कश्मीर से जब कर्फ्यू हटेगा तो क्या होगा.
- मैंने ट्रंप से कश्मीर मुद्दे पर बात की. कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी कश्मीर को लेकर बात की. लेकिन किसी को अंदाजा नहीं है कि कश्मीर में क्या हो रहा है. अब दुनिया की नजर कश्मीर पर है. अब पाकिस्तान के ऊपर है कि हम इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कैसे उठाते हैं. मैं जिम्मेदारी लेता हूं कि मैं कश्मीर की दुनिया में आवाज उठाने वाला अंबेसडर बनूंगा.
- मैं नरेंद्र मोदी को पैगाम देता हूं कि आप एक्शन लें, आपकी ईंट का जवाब पत्थर से दिया जाएगा. पाकिस्तान की फौज और पूरी कौम तैयार है. पूरी कौम फौज के साथ मिलकर लड़ेगी.
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