अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने आतंकवादियों को पनाहगार मुहैया कराने पर पाकिस्तान पर कड़ा प्रहार किया है. उन्होंने कहा कि अलकायदा और तालिबान जैसे आतंकवादी संगठनों से लड़ने के बजाए पड़ोसी देश पाकिस्तान के साथ संबंध बनाना ज्यादा मुश्किल है.
अशरफ गनी ने एक न्यूज चैनल से बात करते हुए कहा कि क्या आप मुझे हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ, मुल्ला उमर के खिलाफ, मुल्ला मंसूर के खिलाफ एक भी अभियान दिखा सकते हैं? मंसूर ने कराची से बाहर पाकिस्तान के पासपोर्ट पर यात्रा की, क्या फजलुल्ला काबुल के बाहर अफगानिस्तान के पासपोर्ट पर जाता है?
हमें यह समझ नहीं आता कि पाकिस्तान कहता है कि वह आतंकवादियों के एक समूह को संविधान, सैन्य कानून में बदलाव नहीं करने देगा. वहीं दूसरी ओर वह दूसरे समूह को बर्दाश्त करता है, जो सरकार को कमतर करने का प्रयास करता है और अफगानिस्तान में भय, मौत और विनाश लाता है.अशरफ गनी, राष्ट्रपति (अफगानिस्तान)
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति ने यह भी आरोप लगाए कि अफगानिस्तान में जख्मी आतंकवादियों का पाकिस्तान के अस्पतालों में इलाज होता है.
भारत की तारीफ की
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि काबुल भारत के साथ अपनी दोस्ती को लेकर गौरव का अनुभव करता है, क्योंकि नई दिल्ली अफगानिस्तान के लोकतांत्रिक आकांक्षाओं में भागीदार है.
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