पाकिस्तान (Pakistan) के इस्लामाबाद में महिला दिवस के मौके पर निकाले गए 'औरत मार्च' (Islamabad Aurat March) में शामिल महिलाओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया. पाकिस्तान के आंतरिक मंत्री राणा सनाउल्लाह ने बुधवार को कहा कि आरोपी पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है. एक ट्वीट में उन्होंने कहा कि "दुर्व्यवहार के लिए जिम्मेदार अन्य व्यक्तियों" की भी पहचान की जा रही थी और उनके खिलाफ उचित कार्रवाई भी की जाएगी.
उन्होंने अपने एक ट्वीट में कहा था कि मार्च में भाग लेने वाले नागरिकों के साथ "दुर्व्यवहार" के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कानून का सहारा लिया जाएगा.
सनाउल्लाह ने कहा कि उन्होंने मार्च में शामिल लोगों के साथ हुए व्यवहार का सख्त नोटिस लिया था और इस्लामाबाद के पुलिस प्रमुख को मामले के बारे में बुलाया गया था.
DAWN की रिपोर्ट के मुताबिक मार्च के आयोजकों में से एक पंज्रश ने बताया कि रैली के दौरान क्या हुआ था. उन्होंने बताया कि जिस समय पुलिस ने प्रोटेस्ट करने वालों पर कार्रवाई की, उस समय ट्रांसजेंडर प्रदर्शन कर रहे थे.
"उन्होंने हमें धक्का देना शुरू कर दिया, इसलिए हमने पीछे धकेलना शुरू कर दिया और फिर उन्होंने लड़ना शुरू कर दिया और हमने लड़ना शुरू कर दिया.
"इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे"
जलवायु परिवर्तन मंत्री शेरी रहमान ने भी मार्च में भाग लेने वाले नागरिकों के खिलाफ इस्लामाबाद पुलिस की कार्रवाई की निंदा की और घटना में जांच की मांग की है.
उन्होंने कहा कि इसके लिए कोई माफी नहीं है. यह वह नहीं है जिसके लिए हमने लड़ाई लड़ी और इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे. मंत्री ने कहा कि इस घटना को आंतरिक मंत्री के ध्यान में लाया गया था.
पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग (HRCP) ने भी इस्लामाबाद पुलिस द्वारा बल के उपयोग की निंदा की है. आयोग ने कहा कि वह उन रिपोर्टों के बारे में भी चिंतित था कि धार्मिक संगठन महिलाओं को मार्च में भाग लेने में बाधा डालने की कोशिश कर रहे थे.
महिलाओं को किसी भी नागरिक के रूप में शांतिपूर्ण तरीके से एकजुट होने का अधिकार है. पुलिस मार्च करने वालों को सुरक्षा देने के लिए होती है, न कि शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हिंसा का सहारा लेने के लिए.मानवाधिकार आयोग, पाकिस्तान
इस बीच, इस्लामाबाद पुलिस ने कहा कि इस्लामाबाद के इंंस्पेक्टर जनरल डॉ अकबर नासिर खान ने इस घटना पर ध्यान दिया था और डीआईजी से इसके संबंध में रिपोर्ट मांगी थी.
इस्लामाबाद पुलिस के ऑफिसियल ट्विटर हैंडल से किए गए ट्वीट में कहा गया कि इस्लामाबाद पुलिस इस घटना के लिए माफी मांगती है.
पुलिस द्वारा दिए गए बयान में कहा गया है कि इस्लामाबाद पुलिस ने महिलाओं के अधिकारों के संघर्ष और संरक्षण के लिए मार्च में शामिल लोगों के साथ खड़ी है. इस्लामाबाद आईजी ने भी अधिकारियों को औरत मार्च और ताहफुज हाकूक निसवान रैली की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया था.
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