ADVERTISEMENTREMOVE AD

Pakistan बर्बादी से बेचने के लिए कानूनों को ताक पर रखकर बेचेगा संपत्तियां

पाकिस्तान को आर्थिक मदद देने से IMF और UAE ने हाथ खड़े कर दिए हैं

Updated
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

पाकिस्तान सरकार ने देश की संपत्ति को "दूसरे देशों को बेचने के क्रम में लागू होने वाले कानूनों को खत्म करने वाला" एक अध्यादेश पारित किया है. मतलब अब इन बिक्रियों पर किसी तरह का रेगुलेटरी कानून लागू नहीं होगा.

इसके लिए कैबिनेट ने देश की खस्ता होती माली हात को जिम्मेदार बताया है. कैबिनेट के मुताबिक डिफाल्ट होने से बचने के लिए संपत्तियों को तेजी से बेचना ही एक आपात उपाय है.

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक एलएनजी से चलने वाले दो पॉवर प्लांट को दूसरे देशों (जैसे यूएई) को बेचने के लिए इन रेगुलेटरी कानूनों को निरस्त किया गया है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD
बता दें सरकार ने न्यायालयों पर भी यह प्रतिबंध लगाए हैं कि वे इस तरह की बिक्री और दूसरे देशों के सरकारी कंपनियों में हिस्सेदारी पर सवाल उठाने वाली किसी तरह की याचिका पर सुनवाई ना करें. हालांकि अब तक राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने अध्यादेश पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं.

इस मुद्दे पर पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की मौजूदा प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से ट्विटर पर जमकर भिडंत भी हुई. इमरान खान ने मौजूदा सरकार को महाभ्रष्ट बताते हुए इस तरह देश की संपत्ति सीधे बेचने की ताकत कैबिनेट के हाथ में देने पर सवाल उठाए.

कैबिनेट ने अब रेगुलेटरी चेक के लिए जरूरी सभी कानूनों को निरस्त कर दिया है, इसमें इस चेकिंग से संबंधित 6 अहम कानून भी थे. यह कानून थे-

  • कंपनीज एक्ट, 2017,

  • प्राइवेटाइजेशन कमीशन ऑर्डिनेंस 2000,

  • पब्लिक प्रोक्यूरमेंट रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑर्जिनेंस 2002,

  • पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप अथॉरिटी एक्ट, 2017

  • सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन ऑफ पाकिस्तान एक्ट, 1997,

  • सिक्योरिटीज एक्ट, 2015.

पाकिस्तान के आर्थिक हालात बेहद खराब, UAE को बेच रहा संपत्तियां

पाकिस्तान की माली हालत बेहद खराब हो चली है. पिछले दिनों यूएई ने पाकिस्तान को और कर्ज देने से इंकार कर दिया था. यूएई का कहना है कि पाकिस्तान पिछले कर्जों को चुकाने में नाकामयाब रहा था. इसके लिए यूएई ने पाकिस्तानी कंपनियों में हिस्सेदारी को खोलने की मांग रखी थी.

इसी के तहत पाकिस्तान सरकार के स्वामित्व वाली तेल और गैस कंपनियों के कुछ हिस्सों को कैबिनेट ने गुरुवार को यूएई को बेचने का फैसला किया है, ताकि 2 से 2.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर सा फंड इकट्ठा किया जा सके.

पढ़ें ये भी: संडे व्यू: बर्बादी का युद्ध बनी रूस-यूक्रेन जंग, न्यायिक प्रक्रिया ही अब सजा

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

0
Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें